अक्रा (घाना), 9 फरवरी (आईएएनएस)। सेवानिवृत्त भारतीय सैन्य अधिकारियों को अफ्रीका में कारोबार करते कदाचित ही देखा जाता है, लेकिन नई दिल्ली के कर्नल (सेवानिवृत्त) राज कालरा एक अपवाद के रूप में हैं। कालरा अफ्रीका के औद्योगिक विकास में योगदान कर रहे हैं।
अक्रा (घाना), 9 फरवरी (आईएएनएस)। सेवानिवृत्त भारतीय सैन्य अधिकारियों को अफ्रीका में कारोबार करते कदाचित ही देखा जाता है, लेकिन नई दिल्ली के कर्नल (सेवानिवृत्त) राज कालरा एक अपवाद के रूप में हैं। कालरा अफ्रीका के औद्योगिक विकास में योगदान कर रहे हैं।
कालरा ने खुद को घाना के एक उत्साही कारोबार के रूप में स्थापित किया है और वह अक्रा से 60 किलोमीटर दूर एक बस्ती प्रमप्रम में चुपचाप औद्योगिक विकास में योगदान कर रहे हैं।
उनका उत्साह तब दिखाई पड़ता है, जब वह एक स्थानीय नेता की तरह धाराप्रवाह बोलते हैं कि किस तरह से घाना और इस देश में उद्योग का विकास किया जा सकता है।
कालरा 2008 में एक स्वास्थ्य सेवा केंद्र स्थापित करने के लिए घाना पहुंचे थे, जिसमें वह असफल रहे।
कालरा ने आईएएनएस से कहा, “इसलिए मैं वापस चला गया, लेकिन 2010 में फिर से एक कंपनी स्थापित करने के लिए आया।”
कालरा घाना के बंदरगाह शहर तेमा के निकट स्थित कंपनी एसीईसी समूह के संस्थापक, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं।
कालरा पेशे से इंजीनियर हैं। उनके पास प्रौद्योगिकी में मास्टर डिग्री है। उन्होंने फायनेंस में एमबीए किया हुआ है। वह अमेरिका से प्रमाणित सिक्स सिग्मा मास्टर ब्लैक बेल्ट हैं।
कालरा भारत में एक हृदय अस्पताल तथा शोध केंद्र के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं। वह एक्सेलेंट समूह के उपाध्यक्ष और उसके रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड कारोबार के प्रमुख रह चुके हैं।
कालरा भारतीय सेना में 22 साल तक सेवा दे चुके हैं।
कालरा की कंपनी ऐसी विदेशी कंपनियों को एक मंच प्रदान करती है, जो घाना में प्रवेश करना चाहती हैं। इसके लिए एसीईसी ने प्रमप्रम में एक औद्योगिक पार्क बनाया है।
एक भारतीय कंपनी टीएनडी ने इस कंपनी की मदद से घाना में बिजली मीटर उत्पादन इकाई स्थापित की है।
इसके अलावा इंडोनेशिया, ब्राजील और फ्रांस की कंपनियां प्रमप्रम औद्योगिक पार्क में चल रही हैं।
इन कंपनियों ने कुल मिलाकर घाना में 9-10 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।