काठमांडू, 1 मई (आईएएनएस)। नेपाल के सेना प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय सेना का एक विमान नेपाल के भूगोल के बारे में गलतफहमी की वजह से चीन की सीमा से लगे नेपाल के उत्तरी क्षेत्र में प्रवेश कर गया।
विनाशकारी भूकंप के बाद नेपाल सैन्य मुख्यालय में अपने पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल गौरव शमशेर राणा ने कहा, “जी हां, मैं स्वीकार करता हूं कि एक भारतीय उड़ान ने उत्तरी सीमा में प्रवेश किया था लेकिन वह नेपाल के भूगोल के बारे में गलतफहमी के कारण हुआ था। लेकिन यह (भूकंप प्रभावित लोगों की) मदद की भावना में हुआ था।”
सेना प्रमुख की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब मीडिया में आईं रपटों में नेपाल-चीन सीमा पर उड़ान भरने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारतीय सेना की आलोचना की गई थी। नेपाल इस क्षेत्र को संवेदनशील क्षेत्र मानता है।
नेपाल के समाचार पत्र कांतिपुर डेली में शुक्रवार को प्रकाशित एक रपट में कहा गया है कि भारतीय सेना नेपाल प्रशासन से अनुमति लिए बगैर चीन सीमा पर उड़ानें भर रही है और भारतीय सेना के इस आचरण से नेपाली सेना नाखुश है।
जनरल राणा से पत्रकारों ने कड़े सवाल किए कि भारतीय सेना नियमों का बार-बार उल्लंघन क्यों कर रही है।
जनरल राणा ने कहा, “किसी को यह नहीं समझना चाहिए कि इस तरह के हालात में अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहायता से राष्ट्रीय सुरक्षा कमजोर होगी।” उन्होंने कहा, “हमें पता है कि इस परिस्थिति में भारतीय, चीनी और नेपाली सैन्य सहायता का कैसे सदुपयोग किया जाए।”
उन्होंने भूकंप के तत्काल बाद नेपाल में विदेशी सहायता के पहुंचने में विलंब को लेकर असंतोष जताया।
राणा ने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भूकंप के 30 घंटे के भीतर तत्काल स्थिति से निपटना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जिस तरीके से स्थिति से निपटना चाहिए था, वैसा नहीं हुआ। यदि समय पर सहायता आई होती तो हम स्थिति से निपट सकते थे।”
राणा ने कहा कि प्रभावित लोगों तक अंतर्राष्ट्रीय सहायता नहीं पहुंची। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से पहुंच रही भारी सहायता त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर जमा हो रही है, लेकिन एड एजेंसियां उन्हें पीड़ितों में प्रभावी तरीके से वितरित नहीं कर पा रही हैं।
संवाददाता सम्मेलन के दौरा सेना ने एक प्रस्तुति दी, जिसमें बताया गया कि मृतकों की संख्या 10,000 तक पहुंच सकती है, और 29 देशों के दल राहत अभियान में लगे हुए हैं।
सेना ने कहा कि भूकंप के कारण लगभग 50 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।