उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि कुलदीप नैयर भारतीय पत्रकारिता के अनमोल रत्नों में से एक थे। वह गंभीर चिंतक और लेखक थे। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के प्रबल पक्षधर कुलदीप नैयर को देश में वर्ष 1975-77 के आपातकाल के दौरान जेल भी जाना पड़ा।
वर्ष 1990 में इंग्लैंड में भारत के उच्चायुक्त के रूप में उनकी नियुक्ति हुई, जहां उन्होंने अपनी कुशल प्रशासनिक क्षमता का परिचय दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुलदीप नैयर के निधन से देश में पत्रकारिता के एक स्वर्णिम युग का अंत हो गया। उनके देहावसान से भारत में पत्रकारिता की विकास यात्रा को अपूरणीय क्षति पहुंची है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत नैयर को विनम्र श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है।
गौरतलब है कि कुलदीप नैयर का गुरुवार को नई दिल्ली में निधन हो गया।