अलाप्पुझा, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केरल के अलाप्पुझा में रविववार से शुरू हुए वार्षिक इंटरनेशनल एक्सपो, कॉयर केरल में पहली बार करीब 15 देश हिस्सा ले रहे हैं, जो कि दुनिया भर में भारत में बनाए गए कॉयर और प्राकृतिक फाइबर उत्पादों में लोगों की बढ़ती रुचि का एक संकेत है।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस आयोजन के पांचवें संस्करण में 53 देशों से 170 से अधिक खरीदार शामिल हो रहे हैं, जो अब तक की सबसे बड़ी विदेशी भागीदारी है।
बयान के अनुसार, पिछले साल 39 देशों के प्रतिनिधियों ने और उससे पहले के सालों में 35 और 32 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। विदेशी प्रतिनिधियों के अलावा इस आयोजन में देश भर से लगभग 300 खरीदार भाग ले रहे हैं।
इन आंकड़ों से यह संकेत मिलता है कि कॉयर केरल नए उत्पादों को प्रदर्शित करने और व्यापार के अवसरों की खोज करने के लिए एक मंच के रूप में दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
बयान के अनुसार, कॉयर निर्यात से राजस्व में वार्षिक वृद्धि करने के लिए इस आयोजन का महत्वपूर्ण योगदान माना जा रहा है। 2013-14 में करीब 1,476 करोड़ रुपये का कॉयर निर्यात हुआ, जबकि 2012-13 में यह 1,116 करोड़ रुपये और 2011-12 में करीब 1,052 करोड़ रुपये निर्यात किया गया था।
उल्लेखनीय है कि अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भारत निर्मित कॉयर और इससे संबद्ध उत्पादों के लिए विशाल बाजार है। जाम्बिया, दक्षिण अफ्रीका, केन्या, नाइजीरिया और मिस्र सहित 10 से अधिक अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधियों ने इस वर्ष के आयोजन के लिए पंजीकरण कराया है। अंगोला, घाना, जिम्बाब्वे और मोजाम्बिक से खरीदार पहली बार आ रहे हैं।
बयान के अनुसार, लैटिन अमेरिकी देशों से ब्राजील, और कोलंबिया से इक्वाडोर इस आयोजन में भाग लेते रहे हैं, जबकि कालीन उद्योग के वैश्विक केन्द्रों में से एक तुर्की के खरीददार इस आयोजन में पहली बार आ रहे हैं।
इनके अलावा अमेरिका, रूस, चीन और यूरोपीय देशों से बड़े प्रतिनिधिमंडल भी आ चुके हैं जो कि केरल के कॉयर के लिए पारंपरिक रूप से मजबूत बाजार हैं।
बयान के अनुसार, क्रेता-विक्रेता सम्मेलन का आयोजन तीन फरवरी को किया जाएगा। यह कॉयर केरल के सबसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक है, जो कि जूट उत्पादकों और विदेशी और घरेलू खरीदारों के बीच सीधी बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराता है।