Saturday , 6 July 2024

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भारतीय कर्मचारियों को वेतन देने में अपने ही कानून का उल्लंघन कर रहा अमेरिका

american-flaggनई दिल्ली। अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास अपने यहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को वेतन देने के संबंध में हो सकता है कि अपने ही कानूनों का उल्लंघन कर रहे हो।

सूत्रों ने रविवार को यहां बताया कि अमेरिका पर दबाव रखने के लिए विदेश मंत्रालय में गठित विशेष समूह की सोमवार को यहां बैठक होगी। इसमें अमेरिकी मिशन की ओर से अपने भारतीय कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन के संबंध में उपलब्ध सूचना की जांच की जाएगी। यह जांच उन संकेतों के बीच की जाएगी कि शायद वे कानूनों का उल्लंघन कर रहे हों। अमेरिकी दूतावास और उसके वाणिज्य दूतावास अब तक सरकार को इस बारे में विवरण नहीं दे रहे हैं कि उन्होंने अपने कूटनीतिक मिशनों में और राजनयिकों के आवास पर कितने भारतीय कर्मचारियों को रखा है। सरकार ने जो विवरण मांगे हैं, उसमें किए जाने वाले वेतन का भुगतान और कर विवरण शामिल है। इस तरह की सूचना प्रदान करने के लिए सरकार ने 23 दिसंबर की समय सीमा तय थी। लेकिन विदेश मंत्रालय के मुताबिक अब तक कोई सूचना प्रदान नहीं की गई है। ऐसा समझा जाता है कि अमेरिकी दूतावास ने विलंब के कारणों के तौर पर क्रिसमस और नव वर्ष की छुट्टियों का हवाला दिया है।

सरकार की यह कार्रवाई न्यूयॉर्क में भारतीय उप महावाणिज्य दूत देवयानी खोब्रागड़े की गिरफ्तारी और उनके कपड़े उतरवाकर तलाशी लेने का नतीजा है। खोब्रागड़े को वीजा धोखाधड़ी के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।

जवाबी कार्रवाई में भारत सरकार ने अमेरिकी राजदूत और अन्य राजनयिकों को मिलने वाली अतिरिक्त सुविधाओं को वापस ले लिया है। इनमें भारतीय हवाई अड्डों पर विशेष पहुंच की सुविधा भी शामिल है। जहां सरकार अमेरिकी जवाब की प्रतीक्षा कर रही है, वहीं उपलब्ध सूचनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि रसोइये और चालकों जैसे भारतीय कर्मचारियों 12 से 15 हजार रुपए के बीच भुगतान किया जा रहा है। यह 200-250 अमेरिकी डॉलर के बराबर है। यह न्यूयॉर्क या किसी अन्य अमेरिकी शहर में 9.47 डॉलर प्रति घंटे की न्यूनतम मजदूरी से काफी कम है।

इस प्रकार, अमेरिकी राजनयिक अमेरिकी न्यूनतम मजदूरी कानूनों का उल्लंघन करेंगे क्योंकि उनके आवास के साथ-साथ दूतावास और वाणिज्य दूतावास को अमेरिकी भूभाग माना जाता है। अगर वे कानूनी औचित्य प्रदान करते हैं और भारतीय कर्मचारियों को दिए जा रहे वेतन के लिए अमेरिकी कानूनों से छूट का दावा करते हैं तो अमेरिकी दूतावास और राजनयिकों की व्यक्तिगत हैसियत से इस तरह के भुगतान दस्तूरों को सार्वजनिक करने से अमेरिका के शर्मसार होने की संभावना है। अमेरिका नौकरानियों को रखने वाले भारतीय राजनयिकों के लिए प्रति घंटे उच्च वेतन दिए जाने पर जोर देता है, जबकि उसी तरह के काम के लिए भारत में अपने दूतावास और राजनयिकों द्वारा रखे जाने वाले भारतीयों को काफी कम वेतन देता है। इस संबंध में संपर्क करने पर अमेरिकी दूतावास से तत्काल कोई जवाब नहीं मिला।

भारतीय कर्मचारियों को वेतन देने में अपने ही कानून का उल्लंघन कर रहा अमेरिका Reviewed by on . नई दिल्ली। अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास अपने यहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को वेतन देने के संबंध में हो सकता है कि अपने ही कानूनों का उल्लंघन कर रहे नई दिल्ली। अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास अपने यहां काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों को वेतन देने के संबंध में हो सकता है कि अपने ही कानूनों का उल्लंघन कर रहे Rating:
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