नई दिल्ली-सरकार ने घरेलू कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए पांच महीने पहले अन्य देशों में अनाज के शिपमेंट पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे गेहूं का निर्यात घटा है, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस वर्ष भारत के गेहूं के निर्यात में 10 प्रतिशत की मामूली वृद्धि भी देखी गई है।
खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश ने 15 मई से 30 सितंबर के बीच 24.08 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) गेहूं का निर्यात किया। यह 1 अप्रैल, 2021 से 14 मई, 2021 के बीच निर्यात किए गए 21.83 एलएमटी गेहूं से 10.3 प्रतिशत अधिक था।
इस साल मई में भारत ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए गेहूं के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया था। सितंबर में उसने टूटे चावल के निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया था और मौजूदा खरीफ सीजन में धान की फसल के रकबे में गिरावट के बीच घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया था।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा था कि खाद्य सुरक्षा चिंताओं के कारण गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हाल ही में भारत ने डब्ल्यूटीओ की बैठक में गेहूं और चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के अपने फैसले को सही ठहराया था, जबकि कई देशों ने चिंता जताई थी कि भारत के फैसले का आयात करने वाले देशों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, मुख्य रूप से अफ्रीका में।