लंदन, 7 अगस्त (आईएएनएस)। ब्रिटेन भारत में कैद पूर्व छह सैनिकों को उनकी हालत पर छोड़ दिया है। उन पर समुद्री डाकुओं से नौकाओं की रक्षा करने के दौरान आग्नेयास्त्र रखने का आरोप है। जेल में कैद ऐसे पूर्व सैनिकों में से एक की बहन ने यह जानकारी दी है।
गार्जियन के रपट में रविवार को कहा गया है कि भारतीय अदालत ने साल 2013 में चालक दल के 35 गिरफ्तार सदस्यों में से निक डन, रे टिंडल, बिली इरविंग, पॉल टॉवर्स, जान आर्मस्ट्रांग और निकोलस सिम्पसन को पांच साल कारावास की सजा सुनाई। इन पर अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने का आरोप था।
वे हिंद महासागर से लगे अफ्रीकी तट पर एक समुद्री डकैती रोधी सुरक्षा कंपनी के वाणिज्यिक जहाजों पर काम करते हुए गिरफ्तार किए गए।
ये सभी पूर्व सैनिक लगातार अपने को बेगुनाह कहते रहे हैं और उन्होंने अपनी सजा समाप्त कराने के लिए एक अपील भी लांच कर रखी है, जिसका समर्थन पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और 20 से ज्यादा सांसदों ने किया है।
अब निक डन की बहन ने प्रधानमंत्री थेरसा मे और विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन से मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।
लिसा डन ने गार्जियन से कहा, “निक को लग रहा है देश ने उसे छोड़ दिया है और वह ठगा हुआ महसूस कर रहा है, जिसकी वह सेवा कर चुका है।”
“अब हमारे पास नई सरकार है, मैं व्यक्तिगत रूप से थेरसा मे और बोरिस जॉनसन और एलन डंकन (विदेश और राष्ट्रमंडल मामलों के राज्य मंत्री) से मिलूंगी और निवेदन करूंगी कि वे इस मामले को अपने प्रमुख एजेंडे में रखें।”
पिछले साल कैमरन ने व्यक्तिगत तौर पर ब्रिटेनवासियों की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में अपील की थी।
पिछले हफ्ते इन लोगों के परिवारों ने डाउनिंग स्ट्रीट जाकर ब्रिटेन के करीब 3,75,00 लोगों से एक याचिका पर हस्ताक्षर करवाया, ताकि सरकार इनकी रिहाई सुनिश्चित कराए।