पोखरण/नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने शनिवार को क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण किया। राजस्थान के पोखरण परीक्षण केंद्र में एक विशेष लक्ष्य पर सफलतापूर्वक दागकर हथियार की क्षमता का प्रदर्शन किया गया। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
यह परीक्षण शनिवार सुबह 10 बजे किया गया।
मिसाइल का परीक्षण एक मोबाइल ऑटोनोमस लॉन्चर (एमएएल) से किया गया, जिसने मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया।
इस मौके पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे, जिन्होंने संचालन दल को सफलता की बधाई दी।
ब्रह्मोस एयरोस्पेस के प्रमुख सुधीर मिश्रा ने एक बयान में कहा , “भारतीय सेना के पास हमले के लिए ब्रह्मोस मिसाइल सर्वाधिक खतरनाक एवं प्रभावी शस्त्र प्रणाली है और इसने आज के सफल प्रक्षेपण में एक बार फिर अपनी सटीकता साबित की है।”
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक एस. क्रिस्टोफर ने भारतीय सेना व ब्रह्मोस एयरोस्पेस को सफल परीक्षण पर बधाई दी।
भारतीय सेना ने अपने शस्त्रों के बेड़े में ब्रह्मोस मिसाइलों के तीन रेजिमेंटों को पहले ही शामिल कर रखा है। ये सभी ब्लॉक-3 संस्करण से सुसज्जित हैं, जिनका आठ व नौ मई को परीक्षण किया गया था।
ब्रह्मोस का धरती पर मार करने वाला संस्करण भारतीय सेना में साल 2007 में शामिल किया गया था।
फायर एंड फॉरगेट मिसाइल के पास ऊंचे और नीचे पथ पर उड़ान भर कर शत्रु की हवाई सुरक्षा प्रणालियों से बचते हुए जमीन पर आधारित लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता है।
ब्रह्मोस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किलोमीटर और गति 2.8 मैक है। इसमें समुद्र, सब-सी, तथा हवा से समुद्र व भूमि पर मार करने की क्षमता है।
इस महीने की शुरुआत में नौसेना के नए विध्वंसक पोत आईएनएस कोच्चि से मिसाइल के समुद्री संस्करण का परीक्षण किया गया था, जिसने सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को निशाना बनाया था।
भारतीय वायु सेना को पहले ही सुखोई एसयू-30 एमकेआई युद्धक विमान का आधुनिक संस्करण मिल चुका है, जो ब्रह्मोस मिसाइल को ले जाने में सक्षम है।
ब्रह्मोस डीआरडीओ व रूस के एनपीओएम का संयुक्त उपक्रम है।