बैतूल, 6 सितंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुई कम वर्षा के चलते एहतियाती कदम उठाए जाने लगे हैं, उसी क्रम में बैतूल जिले को जल अभावग्रस्त जिला घोषित कर दिया गया है। इसके चलते 30 जून, 2018 तक नलकूप खनन पर प्रतिबंध रहेगा और निजी जलस्रोतों के अधिग्रहण का अधिकार प्रशासनिक अधिकारी को रहेगा।
आधिकारिक तौर पर बुधवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, जिलाधिकारी शशांक मिश्र ने मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा तीन एवं चार तथा संशोधित अधिनियम 2002 की धारा चार (ख) एक में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए जिले के समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों को पेयजल की उपलब्धता में आ रही कमी के कारण 30 जून, 2018 तक के लिए जल अभावग्रस्त जिला घोषित कर दिया है।
नियमों के प्रावधानों के अनुसार, जिले की सीमा के अंतर्गत आने वाले समस्त नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में किसी भी प्रयोजन के लिए प्राइवेट (निजी) नलकूप खनन कार्य पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया है। आवश्यकतानुसार निजी पेयजल स्रोतों के अधिग्रहण के अधिकार समस्त संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व (एसडीएम) दिए गए हैं।
जिलाधिकारी के मुताबिक, इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत दो हजार रुपये का जुर्माना या दो वर्ष का कारावास या दोनों हो सकते हैं।