मुंबई, 14 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि सरकार आने वाले दिनों में बैंकिंग क्षेत्र में कई सारे सुधार पेश करेगी, लेकिन इस क्षेत्र से निकलने का सरकार का कोई इरादा नहीं है।
जेटली ने यहां आयोजित सरकार के मेक इन इंडिया सप्ताह के दौरान एक फोरम में कहा, “आने वाले दिनों में मैं बैंकिंग क्षेत्र में कई सारे सुधारों की घोषणा करने वाला हूं। आपको उसमें कुछ मिल सकता है।”
उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि भारत किसी ऐसी स्थिति में पहुंच चुका है, जहां सरकार बैंकिंग क्षेत्र से बाहर निकल जाए।”
वित्तमंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक आवश्यकता बताया, क्योंकि वित्तीय समावेशन में उनकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इन बैंकों में अपनी हिस्सेदारी को 51 प्रतिशत तक लाने की वचनबद्धता पहले ही जता चुकी है।
जेटली का बयान ऐसे समय में आया है, जब सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने तीसरी तिमाही में खराब आमदनी दर्ज की है, और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई एक संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा में बुरी संपत्तियों व प्रावधानीकरण में काफी वृद्धि हुई है।
बैंकों के संचालन में सरकारी हस्तक्षेप न करने की सरकार की बचनबद्धता के संबंध में जेटली ने कहा, “हमने इस मामले में अतीत में गलती की है।”
जेटली ने यह भी कहा कि सरकार उम्मीद के अनुरूप और स्थिर कर व्यवस्था उपलब्ध कराने को वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि अतीत में बढ़ी कर मांगों ने देश की एक खराब छवि बनाई है।
उन्होंने कहा कि सरकार भारत की कर व्यवस्था वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के मार्ग पर है और कॉरपोरेट कर को धीरे-धीरे 25 प्रतिशत पर लाने की दिशा में आगे बढ़ना रणनीति का एक हिस्सा है।