‘पुलिस बहुत अच्छी है। वो मेरा परिवार है। मेरा बहुत ख्याल रखती है। छोटे कप्तान बहुत बढ़िया आदमी हैं। भगवान उनका भला करे।’ औरैया के बिधूना थाना में रह रही 75 साल की सोमवती पुलिस के लिए हर पल ऐसी ही दुआएं करती रहती हैं।
सोमवती दो साल से थाना परिसर में ही रह रही हैं। पुलिसकर्मी उनका हर तरह से ख्याल रखते हैं। वह थाना की मेस में ही खाना खाती हैं।
सोमवती को बिधूना सर्किल के तत्कालीन सीओ शिवराज ने थाने में रखा था। शिवराज वर्तमान में इटावा में तैनात हैं, लेकिन वक्त मिलते ही सोमवती से मिलने के लिए बिधूना जाना नहीं भूलते।
शिवराज ने बताया कि सोमवती मार्च 2014 में बेटे की शिकायत लेकर थाना आई थीं। वह बहुत गुस्से में थीं। उन्हें कुर्सी पर बैठाकर पानी पिलाया और मिठाई खिलाई तो गुस्सा शांत हो गया। फिर समस्या पूछी तो वह रो पड़ीं।
बताया बेटा बहुत परेशान करता है। सीओ ने तत्काल पुलिस भेजकर उनकी समस्या का समाधान कर दिया। हालांकि, पुलिस के व्यवहार से वह इतना प्रभावित हुईं कि उन्होंने घर न जाने का फैसला कर लिया।
सीओ से बोलीं, वह थाना में ही रहेंगी। इससे शिवराज थोड़ा असहज हो गए। थाना परिसर में बाहरी व्यक्ति, वो भी महिला कैसे रहेगी? कौन उसकी देखरेख करेगा? ऐसे तमाम सवाल उनके सामने खड़े हो गए।
फिर भी सोमवती का दर्द देखते हुए उन्होंने उसे वहां रहने की अनुमति दे दी। थाना के पुलिसकर्मियों को उनकी देखभाल के निर्देश दिए। बृहस्पतिवार दोपहर सीओ शिवराज वृद्धा का हालचाल लेने बिधूना थाना पहुंचे। उन्होंने सोमवती की फोटो खींचकर वॉट्सएप पर एक छोटी सी पोस्ट डाल दी। यह पोस्ट चंद मिनट में ही वायरल हो गई। कई आईपीएस अधिकारियों ने इसे शेयर किया। आईपीएस एसोसिएशन ने सोमवती की फोटो और पोस्ट को ट्वीट कर दिया। इसके बाद डीजीपी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सीओ शिवराज को सम्मानित करने का निर्णय लिया।
डीजीपी के पीआरओ राहुल श्रीवास्तव ने बताया कि शिवराज ने समाज के सामने पुलिस के मानवीय चेहरे का उदाहरण पेश किया है। डीजीपी जावीद अहमद जल्द उन्हें ऑफिस बुलाकर सम्मानित करेंगे।
सोमवती थाना में तैनात सभी पुलिसकर्मियों की अम्मा बन गई हैं। ड्यूटी सुबह की हो या शाम की, सबसे पहले पुलिसकर्मी अम्मा के पास जाकर उनका हालचाल लेते हैं। अक्सर पुलिसकर्मियों के बीच होने वाले झगड़े में अम्मा ही पंचायत करती हैं।