पटना, 25 जनवरी (आईएएनएस)। जनता दल (युनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के ‘बेटी की वोट’ से तुलना किए जाने के विवादास्पद बयान के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां शरद यादव पर जमकर निशाना साधा, वहीं सत्ताधारी जद (यू) अपने पूर्व अध्यक्ष के बचाव में उतर गई है। बाद में हालांकि शरद ने अपने बयन पर सफाई दी, जबकि जद (यू) महासचिव के.सी. त्यागी ने माफी मांग ली।
जद (यू) के वरिष्ठ नेता और सांसद शरद यादव ने पटना में मंगलवार को जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती समारोह में कहा था कि वोट की इज्जत बेटी की इज्जत से बड़ी होती है।
इस बयान का वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो मामला गर्मा गया।
मामला बढ़ने के बाद शरद ने बुधवार को अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा, “मेरे बयान का गलत मतलब निकाला गया। मैंने कुछ गलत नहीं कहा। ‘बेटी’ और ‘वोट’ के प्रति मोहब्बत एक-सी होनी चाहिए। मैंने बिल्कुल गलत नहीं कहा, जैसे बेटी से प्यार करते हैं, वैसे ही वोट से भी करना चाहिए, तब देश और राज्य की सरकार अच्छी बनेगी।”
इसके पूर्व मंगलवार को शरद यादव ने कहा, “लोगों को यह बताना बेहद जरूरी है कि बैलेट पेपर कैसे काम करता है। वोट की इज्जत आपकी बेटी की इज्जत से ज्यादा बड़ी होती है।”
उन्होंने कहा, “अगर बेटी की इज्जत गई तो सिर्फ गांव और मुहल्ले की इज्जत जाएगी, लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया, एक बार गड़बड़ हो गया, तो देश और सूबे की इज्जत चली जाएगी। सारे सपने खत्म हो जाएंगे।”
इस बयान पर भाजपा ने निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे बयान लड़कियों और महिलाओं के प्रति उस पार्टी के ²ष्टिकोण को दिखाता है।
भाजपा के विधान पार्षद विनोद नारायण झा ने कहा, “मंगलवार को एक ओर देश के लोग राष्ट्रीय बालिका दिवस मना रहे थे, किसी नेता का ऐसा बयान देना कहीं से भी सुखद नहीं है। ऐसे बयानों की जितनी निंदा की जाए कम है।”
इधर, जद (यू) शरद यादव के बचाव में उतर आया है। जद (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष के बयान को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भाषा की मर्यादा सभी को रखनी चाहिए।
के. सी. त्यागी ने यहां बुधवार को कहा कि इस मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है। उनके बयान को बड़े तौर पर देखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “उनके (शरद यादव) कहने का आशय है कि बेटी और वोट गलत या भ्रष्टाचारी व्यक्ति के हाथ में नहीं देना चाहिए। फिर भी अगर किसी महिला या महिला संगठन को इस बयान से दुख पहुंचा हो तो ‘वी आर सॉरी।”
उन्होंने कहा कि इसके बाद यह बात यहीं समाप्त हो जानी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि शरद यादव इससे पहले भी महिलाओं पर दिए गए विवादास्पद बयानों को लेकर विवादों में घिर चुके हैं।