हमीरपुर, 5 फरवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में अस्थायी गोशालाएं होने के बाद भी किसानों को अन्ना मवेशियों से निजात नहीं मिल रही। हमीरपुर जिले में फसल उजाड़ रहे तीन सौ से ज्यादा अन्ना मवेशियों को किसानों ने हांककर मौदहा तहसील परिसर में पहुंचा दिया और फाटक बंद कर दिया। मवेशियों के साथ एक घंटे तक अधिकारी व कर्मचारी भी अपने दफ्तरों में कैद रहे।
फत्तेपुर, रागौल व सिचैली के एक सैकड़ा से ज्यादा किसान सोमवार को करीब 300 सौ से ज्यादा अन्ना मवेशियों को हांकने में लगे रहे। वे मवेशियों को मौदहा तहसील परिसर ले गए और वहां बंद कर दिया। बउ़ी तादाद में मवेशियों के पहुंचते ही तहसील परिसर में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मवेशियों के हमले से भयभीत तहसील के अधिकारी व कर्मचारी अपने-अपने दफ्तरों में एक घंटे तक कैद रहे।
बाद में किसानों से वार्ता कर उपजिलाधिकारी अपने मातहतों के साथ मिलकर दौड़ते हुए मवेशियों को हांककर एक किलोमीटर दूर बने स्थायी गोशाला ले जाकर छोड़ आए।
मौदहा के उपजिलाधिकारी राकेश कुमार चौरसिया ने मंगलवार को बताया कि स्थायी गोशालाओं का निर्माण अधूरा होने पर सैकड़ों की तादाद में अन्ना मवेशी किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोमवार को कुछ नाराज किसान करीब तीन सौ मवेशी हांककर तहसील परिसर ले आए थे, जिन्हें खुद की मौजूदगी में कपसा मार्ग स्थित पशु आश्रय स्थल पहुंचा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि हालांकि इस आश्रय स्थल में क्षमता से एक हजार ज्यादा मवेशी हैं, जिससे चारा-पानी में अव्यवस्था हो रही है।
पशुपालन विभाग (बांदा) के अपर निदेशक डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि सरकारी गणना के अनुसार, हमीरपुर जिले में 28,234, बांदा में 62,400, चित्रकूट में 70,210 व महोबा जिले में 40,456 अन्ना मवेशी पाए गए हैं। जिनमें अब भी करीब डेढ़ लाख मवेशी आवारा घूम रहे हैं और रात में किसानों की फसल नष्ट कर रहे हैं।
उधर, बुंदेलखंड किसान यूनियन के अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा का कहना है कि आवारा मवेशियों के लिए बनाए जा रहे आश्रय स्थलों (गोशालाओं) के निर्माण की रफ्तार कछुआ गति से भी धीमी है। किसान दिन-रात खेत में बनाए मचान में ठहर कर अपने फसल की रखवाली करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने आवारा मवेशियों को सिर्फ कागज में बंद किए हैं।