कोलकाता, 26 जनवरी (आईएएनएस)। गंभीर रूप से बीमार चल रहीं पूर्व दिग्गज एथलीट सौमिता डे के राज्य सरकार के खिलाफ मदद न करने के आरोपों के कई दिन के बाद आखिरकार पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार की आंखें खुलीं और सोमवार को राज्य के युवा मामलों के मंत्री अरूप बिस्वास ने मामले पर गौर करने का आश्वासन दिया।
सौमिता 2012 से ही न्यूरोसाकोइडोसिस बीमारी से पीड़ित चल रही हैं और उनका कमर से नीचे का शरीर लकवाग्रस्त हो चुका है।
दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में निर्णायक के तौर पर सेवा दे चुकीं सौमिता का एक स्थानीय निजी चिकित्सालय में उपचार चल रहा है।
बिस्वास ने सोमवार को आईएएनएस से कहा, “मैं आज (सोमवार) उनसे मिलने जा रहा हूं और निश्चित ही इस बात की पड़ताल करूंगा कि हम उनके लिए क्या कर सकते हैं।”
सौमिता के उपचार का खर्च वहन न कर पाने के कारण उनके परिवार वाले विभिन्न जगहों से मदद की गुहार कर चुके हैं।
सौमिता के पिता सीमांत डे द्वारा राज्य सरकार से किसी तरह की मदद न मिलने पर नाराजगी जाहिर करने के बाद तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्ना द्रमुक) की महासचिव जे. जयललिता ने शनिवार को सौमिता की मदद के लिए पांच रुपये मदद देने की घोषणा की।
सीमांत ने आईएएनएस से कहा, “हम एक मध्यवर्गीय परिवार से हैं और उसका इलाज बहुत महंगा है। हमने राज्य सरकार से मदद की गुहार की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। सत्ताधारी के स्थानीय नेताओं से भी हमने मुलाकात की और उन्होंने मदद का आश्वासन भी दिया, इसके बावजूद अब तक कोई मदद नहीं मिल सकी है।”