पटना, 20 मार्च (आईएएनएस)। बिहार में चल रही मैट्रिक की परीक्षा में नकल के मामले ने शुक्रवार को तूल पकड़ लिया। एक दिन पहले शिक्षा मंत्री पी.के. शाही के इस मामले में दिए गए बयान को जहां पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शर्मनाक कहा, तो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीडिया में आई तस्वीरों पर कहा कि ये बिहार की असलियत को नहीं दर्शाती हैं।
बड़े पैमाने पर चल रही चोरी में पुलिसकर्मियों की ओर से की जा रही अवैध वसूली को लेकर होमगार्ड के आठ जवानों को गिरफ्तार किया गया है और जिन चार केंद्रों पर व्यापक नकल की रिपोर्ट मिली उन्हें बोर्ड ने निरस्त कर दिया। परीक्षा में नकल करते पाए गए कई छात्रों को एक्सपेल्ड किया गया है।
शिक्षा मंत्री शाही ने गुरुवार को कहा था कि राज्य में कदाचार मुक्त परीक्षा कराना अकेले सरकार के बूते की बात नहीं है। पटना उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को इस बयान को शर्मनाक कहा। शाही की टिप्पणी के खिलाफ एक वरिष्ठ वकील की अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत ने मंत्री के बयान पर नाराजगी जाहिर की।
अदालत ने बिहार के पुलिस प्रमुख पी.के. ठाकुर को राज्यभर में परीक्षा बोर्ड द्वारा ली जाने वाली 10वीं की परीक्षा स्वच्छ एवं मुक्त सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। मामले पर आगे की सुनवाई 27 मार्च को होगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि मीडिया में मैट्रिक की परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल को प्रदर्शित करने वाली आई तस्वीरें बिहार की असलियत को नहीं दर्शाती हैं। नीतीश ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा है, “तस्वीरें पूरे बिहार की कहानी नहीं दर्शाती।”
उन्होंने कहा, “बिहार के छात्र मेधावी हैं और देश में उन्होंने एक उदाहरण पेश किया है। एक छात्र जिंदगी में अपनी क्षमता से प्रगति करता है न कि प्रमाणपत्र के कारण।” नीतीश कुमार ने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेवार बनने के लिए कहा गया है ताकि परीक्षाओं में चोरी नहीं हो। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों को चोरी नहीं करने की सलाह देने की अपील की।
नीतीश कुमार ने कहा, “मैं परीक्षा दे रहे छात्र को नकल करने में मदद के लिए जुटने वाले अभिभावकों, रिश्तेदारों और दोस्तों को कहना चाहूंगा कि आप छात्र के साथ ही साथ बिहार के भविष्य को तबाह कर रहे हैं।”
दूसरी ओर बिहार के सहरसा जिले में 10वीं बोर्ड की परीक्षा में चोरी कर रहे छात्रों को मदद करने के आरोप में शुक्रवार को होमगार्ड के आठ जवानों को गिरफ्तार कर लिया गया। राज्य भर में चल रही मैट्रिक परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल की चहुंओर से आ रही खबरों के बीच यह इस प्रकार की पहली कार्रवाई है।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) इस परीक्षा को आयोजित कराती है। बोर्ड ने जिन चार केंद्रों पर बड़े पैमाने पर नकल की रिपोर्ट की गई उन केंद्रों की परीक्षाओं को रद्द कर दिया।
पटना से 210 किलोमीटर दूर स्थित सहरसा में एक अधिकारी ने कहा, “गिरफ्तार किए गए होम गार्ड विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर स्वच्छ एवं मुक्त परीक्षा आयोजित कराने के लिए तैनात थे, लेकिन सभी को नकल करने में छात्रों की मदद करते हुए पाया गया।”
अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार होमगार्ड छात्रों से नकल करने देने के बदले कथित रूप से पैसे लेते पाए गए। पिछले तीन दिनों में टीवी समाचार चैनलों ने पुलिस अधिकारियों को छात्रों से पैसे स्वीकार करते दिखाया है। परीक्षा केंद्रो पर चोरी करते हुए छोड़ने के लिए उन्होंने पैसे लिए।
बीएसईबी के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद ने कहा कि चोरी करते पाए गए कुछ छात्रों को एक्सपेल्ड कर दिया गया है। 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 14 लाख से अधिक छात्र हिस्सा ले रहे हैं।