“सोमवार को कोबरापोस्ट ने एक स्टिंग जारी कर पूरे देश में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। रणवीर सेना के कई पूराने कार्यकर्ताओं के इस स्टिंग में भाजपा के कई बड़े नेताओं का नाम रणवीर सेना को सहयोग करने में आया है। ”
बिहार में वर्षों तक आतंक का पर्याय रही रणवीर सेना पर किए गए कोबरा पोस्ट के स्टिंग में कई गंभीर खुलासे हैं। कोबरा पोस्ट के पत्रकार से बात करते हुए रणवीर सेना के कई लोगों ने अपने समर्थकों और मददगार के रूप में देश के कई बड़े नेताओं का नाम लिया है।
कैसे मिलते थे हथियार
कोबरा पोस्ट के अनुसार रणवीर सेना द्वारा अंजाम दिए गए 6 नरसंहारों में मुख्य भूमिका निभाने वाला और खुद को रणवीर सेना प्रमुख ब्रहमेश्वर मुखिया का खास बताने वाला सिद्धनाथ सिंह ने पुलिस को दिए बयान में साफ तौर पर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का नाम लिया था। सिद्धनाथ सिंह के अनुसार रणवीर सेना को ऐसे जघन्य कांड अंजाम देने के लिए अत्याधुनिक हथियार कहीं और से नहीं बल्कि सेना के रिजेक्ट किए गए हथियारों से प्राप्त होता था। सिद्धनाथ सिंह ने स्पष्ट तौर पर अपने बयान में कहा कि ‘हमें सेना का रिजेक्टेड हथियार उपलब्ध हुआ था..कैसे हुआ था….क्यों नहीं होगा जब प्रधानमंत्री ही हमारे थे….चंद्रशेखर’। सिद्धनाथ आगे बोलते हैं कि ‘सेना के हथियार हमें धनबाद के सूर्य सिंह(सूरजदेव सिंह) के माध्यम से पहुंचते थे..सूर्य सिंह और चंद्रशेखर बहुत घनिष्ठ दोस्त थे’।
आर्थिक मदद
वहीं किसी अन्य अपराध में इस समय आरा के जेल में बंद प्रमोद सिंह, 32 लोगों की जान लेने वाले मिंयापुर नरसंहार में अपनी भूमिका पर गर्व करते हुए भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से मिले रीजनीतिक समर्थन और आर्थिक सहयोग के बारे में बताता है। कोबरापोस्ट के स्टिंग में प्रमोद कहता है, जिस समय केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की भाजपा की सरकार थी, उस समय मंत्री रहे यशवंत सिन्हा बराबर आते थे, मुखियाजी से बराबर आकर मिलते थे, यहां तक कि जिस समय पुलिस छापेमारी कर रही थी उस समय वह गांव में ही लगातार थे। स्टिंग में प्रमोद साफ तौर पर कहता है कि यशवंत सिन्हा ने पैसे से साढ़े पांच लाख रुपये की मदद की और इसके अलावा राजनीतिक सपोर्ट तो करता ही था। और कोई क्या करेगा।
कैसे बचाते थे नेता
प्रमोद सिंह एक और नेता और वर्तमान में जहानाबाद से रालोसपा सांसद अरुण कुमार का नाम लेते हुए बताता है कि जब भी रणवीर सेना के लेगों को पुलिस कहीं घेर लेती थी थो अरुण सिंह अपनी गाड़ी में बचाकर सभी को बचा लेते थे। रणवीर सेना का एक अन्य सहयोगी रवीमद्र चौधरी कोबरापोस्ट को स्टिंग में साफ तौर पर आनंद मोहन सिंह के सहयोग को याद करते हुए बताता है कि कैसे आनंद मोहन सिंह हमसे मिलने आए और हमें पूरा सहयोग और हथियार देने का वादा किया। रवीमद्र बताता है कि आनंद मोहन सिंह आए और कहे कि जितना भी हथियार चाहिए आकर हमसे ले जाना हमारे पास पूरा जखीरा है। प्रमोद सिंह का दावा है कि रणवीर सेना में उसी आदेश पर कई जघन्य हत्याकांडों को अंजाम दिया गया।
जस्टिस अमीरदास ने भी लिए कई नाम
केवल इतना ही नहीं, कोबरापोस्ट ने बिहार में हुए नरसंहारों की जांच करने वाले एक सदस्यीय अमीरदास आयोग के अध्यक्ष जस्टिस अमीरदास से बात-चीत का भी एक स्टिंग सार्वजनिक किया है जिसमें जस्टिस अमीरदास साफतौर पर बताते हैं कि ‘रणवीर सेना के सहयोग करने वाले कई राजनेताओं के नाम जांच में भी उनके सामने आए थे जिनमें शिवानंद तिवारी, सी पी ठाकुर, वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी, और सुशील कुमार का नाम है‘। हालांकि अमीरदास आयोग अपनी इस जांच की रिपोर्ट सरकार को सौंप पाती उससे पहले ही उसे नीतिश कुमार की सरकार ने भंग कर दिया था,
आउटलुक से साभार