पटना, 25 जनवरी (आईएएनएस)। आम तौर पर जुमला है कि ‘जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा (भगवान) है’, लेकिन बिहार में भगवान के मंदिरों के ही सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। बिहार के मंदिरों से लगातार हो रही कीमती और प्राचीन मूर्तियों की चोरी की घटनाओं से मंदिरों के संरक्षण की जरूरत महसूस की जाने लगी है।
पिछले दो महीने के अंदर बिहार के मंदिरों से कम से कम 20 मूर्तियों की चोरी की घटनाएं घटी हैं। पुलिस के अनुसार, कटिहार जिले के फलका थाना क्षेत्र के बरेटा गांव में चोर 16 जनवरी को प्राचीन मंदिर से भगवान राम और सीता की मूर्ति चुरा कर ले गए। इन मूर्तियों का वजन 30 किलोग्राम बताया जाता है।
अभी इस घटना के चार दिन भी नहीं गुजरे थे कि नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र के कटौना स्थित प्राचीन ठाकुरबाड़ी मंदिर से चोरों ने मंदिर का ताला तोड़कर भगवान गणेश, लक्ष्मी और भगवान विष्णु की मूर्तियां चुरा लीं। ग्रामीणों के मुताबिक, मूर्ति अष्टधातु की बनी थी जो काफी पुराने समय से मंदिर में थी।
इसके पूर्व 22 दिसंबर को कटिहार जिले के ही नवाबगंज ठाकुरबाड़ी से राधाकृष्ण की अष्टधातु की छह मूर्तियां चोरी हो गईं। इस मूर्ति को वर्ष 2007 में भी चुराने का प्रयास किया गया था, पर उस समय ग्रामीणों ने दो चोरों को पकड़ लिया था।
ऐसा नहीं कि ऐसी घटनाएं बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में ही होती हैं। राजधानी पटना के आलमगंज थाना क्षेत्र के काजीबाग स्थित बांके बिहारी मंदिर से 20 दिसंबर को चोरों ने अष्टधातु की एक दर्जन बहुमूल्य प्राचीन मूर्तियों की चोरी कर ली। इस घटना के कुछ ही दिन पूर्व पटना में धर्मशाला गली स्थित गोवर्धननाथ मंदिर से चाणक्य की बेशकीमती मूर्ति की भी चोरी हो गई है।
पूर्णिया के बनमनखी में चोरों ने पुजारी को बंधक बनाकर मूर्ति चुरा ली थी, जबकि कटिहार के दंडखोरा में मंदिर के दीवार को तोड़कर (सेंधमारी कर) मूर्ति चोरी की घटना हुई है।
पिछले महीने पूर्णिया शहर के मधुबनी मुहल्ले के प्राचीन ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की मूर्तियां एवं कीमती सामान की चोरी की घटना को अभी तक पूर्णिया की पुलिस नहीं सुलझा पाई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र के जिलों में मूर्तियों की चोरी कोई नई बात नहीं है, यहां अक्सर ऐसी घटनाएं हो रहती हैं।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) गुप्तेश्वर पांडेय कहते हैं कि बिहार के मंदिरों से चोरी की घटनाओं के बाद पुलिस तत्काल चोरों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास करती है। यही कारण है कि पुलिस को कई मामलों में सफलता भी मिलती है।
पुलिस मुख्यालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि पुलिस के प्रयास का ही परिणाम है कि 20 दिसंबर को बक्सर के सुरोधा गांव से पुलिस ने 70 करोड़ रुपये की अष्टधातु की मूर्तियां बरामद की थीं, जो भोजपुर के एक मंदिर से चुराई गई थी। इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
वैसे स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस की ओर से मूर्ति तस्करों के खिलाफ कोई विशेष अभियान नहीं चलाया जाता है। इस कारण अधिकांश चोरी के मामले ठंडे पड़ जाते हैं। कोई अन्य मामलों के छानबीन या तलाशी अभियान के दौरान संयोग से कोई मूर्ति चोर पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है तो चोरी की मूर्तियां बरामद हो जाती हैं।
बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अध्यक्ष किशोर कुणाल कहते हैं कि कई बार सरकार को पत्र लिखकर कीमती मूर्तियों वाले मंदिरों में चाहरदीवारी बनाने की मांग करते रहे हैं, परंतु अब तक कोई कारगर पहल नहीं की गई है। वह कहते हैं कि बिहार के कई मंदिर ऐसे हैं जहां मूर्तियां तो काफी महंगी हैं परंतु उनकी सुरक्षा काफी कमजोर है।
वह कहते हैं कि बिहार की मंदिरों में मूर्तियों की चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए।