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 बिहार में बाढ़ के बाद अब सता रहा बीमारी का डर | dharmpath.com

Monday , 25 November 2024

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बिहार में बाढ़ के बाद अब सता रहा बीमारी का डर

पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के 13 जिलों में पानी का कहर बरपाने के बाद राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर घटने लगा है। लोग अपने उजड़े गांव-घर की ओर लौटने लगे हैं। कई गांवों के बाढ़ पीड़ित हालांकि अभी भी राहत शिविरों में सामुदायिक रसोई के सहारे दिन गुजारने को विवश हैं।

पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के 13 जिलों में पानी का कहर बरपाने के बाद राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर घटने लगा है। लोग अपने उजड़े गांव-घर की ओर लौटने लगे हैं। कई गांवों के बाढ़ पीड़ित हालांकि अभी भी राहत शिविरों में सामुदायिक रसोई के सहारे दिन गुजारने को विवश हैं।

बाढ़ प्रभावित इलाकों से पानी निकल जाने के बाद अब लोगों को बीमारियों का डर सताने लगा है। चिकित्सकों का भी मानना है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियों की आशंका बनी रहती है। स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग बीमारियों के प्रकोप से निपटने की तैयारी में जुट गए हैं।

पटना के नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनएमसीएच) के चिकित्सक डॉ़ सुधीर कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद बीमारियों की आशंका बनी रहती है। बाढ़ग्रस्त इलाकों में सफाई व स्वच्छता के अभाव में हैजा, दस्त फैलने और विभिन्न संक्रामक रोगों के फैलने की संभावना बढ़ जाती है। इस समय स्वच्छ, उबला हुआ पानी पीकर बीमार होने से बचा जा सकता है।

उन्होंने कहा, “बाढ़ से उबरे क्षेत्रों में गैस्ट्रोइंट्रोटाइटिस, मलेरिया, टाइफाइड, डायरिया, नेत्र और चर्मरोग जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं।”

पटना के जाने माने चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ़ रवि विक्रम सिंह ने आईएएनएस से कहा कि बाढ़ के दौरान गंदले पानी में बैक्टीरिया पैदा होते हैं, जिस कारण लोगों को कई प्रकार के त्वचा रोग हो जाते हैं। उन्होंने पानी को उबालकर पीने की सलाह दी है और कहा कि लोग शरीर में आवश्यक खनिज आपूर्ति के लिए नारियल पानी या स्वच्छ पानी का उपयोग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा, “कई स्थानों पर लोग भूजल पर निर्भर होते हैं, वे जीवाणु संक्रमण से छुटकारा पाने के लिए पानी में क्लोरीन मिला सकते हैं।”

राज्य के कई क्षेत्रों से बाढ़ का पानी निकल गया है, जबकि कई क्षेत्रों से पानी का धीरे-धीरे निकलना जारी है। कई क्षेत्रों में सड़क ही शौचालय बन चुके हैं, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को अभी भी दूषित पानी व कीचड़ से होकर घर तक जाना पड़ता है।

राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी का दावा है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्लीचिंग पाउडर, बैमेक्सिन, चूना और जरूरी दवाएं स्टॉक की गई हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री लक्ष्मेश्वर राय कहते हैं कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दलों को तैनात रखा गया है। इसके अलावा पशु शिविरों की भी स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद यदि किसी गांव में बीमारी से अधिक लोग पीड़ित हो रहे हैं, तो तत्काल इसकी सूचना सिविल सर्जन को देने की अपील की गई है, ताकि चिकित्सकों की टीम वहां समय पर भेजी जा सके।

हाल में आई बाढ़ से राज्य के 13 जिलों- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिमी चंपारण जिले प्रभवित हैं। बाढ़ से अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 88 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

बिहार में बाढ़ के बाद अब सता रहा बीमारी का डर Reviewed by on . पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के 13 जिलों में पानी का कहर बरपाने के बाद राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर घटने लगा है। लोग अपने उजड़े गांव-घर की ओर लौटने लगे है पटना, 4 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार के 13 जिलों में पानी का कहर बरपाने के बाद राज्य की प्रमुख नदियों का जलस्तर घटने लगा है। लोग अपने उजड़े गांव-घर की ओर लौटने लगे है Rating:
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