भागलपुर/मुंगेर, 12 जून (आईएएनएस)। फर्जी डिग्री के मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के प्रमाणपत्रों की जांच के लिए दिल्ली पुलिस तोमर के साथ शुक्रवार को बिहार पहुंची। यहां विभिन्न छात्र संगठनों ने तोमर पर अंडे और टमाटर फेंके।
तोमर के साथ दिल्ली पुलिस मुंगेर स्थित विश्वनाथ सिंह विधि कॉलेज जाकर नामांकन रजिस्टर व अन्य दस्तावेजों की जांच पड़ताल की। इसके बाद पुलिस भागलपुर तिलका मांझी विश्वविद्यालय पहुंची, जहां विभिन्न छात्र संगठनों ने तोमर पर अंडे और टमाटर फेंके। इस दौरान पुलिस ने तोमर से भी पूछताछ की।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस की एक टीम ने गुरुवार को कॉलेज से जो साक्ष्य जुटाए थे, उसी के आधार पर तोमर से पूछताछ की गई। इस दौरान कॉलेज के प्राचार्य आर.के. मिश्रा और अन्य कर्मचारी भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, तोमर को कॉलेज के पुस्तकालयों तथा कई अन्य कमरों की भी पहचान कराई गई। कॉलेज में हस्ताक्षर का नमूना और फोटोयुक्त दस्तावेज नहीं होने के कारण साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस भागलपुर स्थित तिलका मांझी विश्वविद्यालय रवाना हो गई।
विश्वविद्यालय कार्यालय पहुंचने पर आम आदमी पार्टी (आप) के नेता तोमर पर छात्रों के समूह ने अंडे और टमाटर फेंके। विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि तोमर ने तिलकामांझी विश्वविद्यालय को बदनाम किया है। छात्रों के समूह ने तोमर के खिलाफ जमकर नारे लगा रहे थे। छात्रों को हटाने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
पुलिस ने विश्वविद्यालय से तोमर के परीक्षा प्रवेशपत्र, प्रोविजनल सर्टिफिकेट सहित अन्य कागजात जुटाने का प्रयास किया। कॉलेज से कई दस्तावेजों की फोटो कॉपी भी पुलिस अपने साथ ले गई है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस तोमर को लेकर गुरुवार देर शाम भागलपुर पहुंची थी। टीम में शामिल अधिकारी ने विश्वनाथ सिंह लॉ कलेज के प्राचार्य से मुलाकात की थी और तोमर से संबंधित कई जानकारी हासिल की। इस क्रम में पुलिस की एक टीम ने विश्वविद्यालय के कुलपति रमाशंकर दूबे से भी बात की।
कुलपति दूबे ने कहा कि पुलिस की जांच में विश्वविद्यालय प्रशासन हर संभव सहायता कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने हालांकि इस संबंध में पत्रकारों को कुछ भी जानकारी देने से इनकार कर दिया। संस्थान की नामांकन पंजी के अनुसार, तोमर ने वर्ष 1994 में मुंगेर के विश्वनाथ सिंह विधि कॉलेज में दाखिला लिया था। यह कॉलेज तिलका मांझी विश्वविद्यालय के अंतर्गत आता है।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस विश्वविद्यालय के कुछ कर्मचारियों से भी पूछताछ कर सकती है।