पटना: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शनिवार को बिहार की राजधानी स्थित पटना कॉलेज पहुंचे हुए थे, जहां उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना था. छात्रों ने जमकर ‘जेपी नड्डा वापस जाओ’ के नारे लाए. नारे लगाते हुए छात्रों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को वापस लेने और पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने की मांग की.
मीडिया में आईं खबरों के अनुसार, नड्डा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों में आइसा और एनएसयूआई से जुड़े युवा शामिल थे. नड्डा पटना कॉलेज में पढ़ाई कर चुके हैं.
एनडीटीवी रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को हुए विरोध प्रदर्शन में जब वामपंथी संगठन आइसा के छात्रों ने नड्डा को घेर लिया तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने के लिए भीड़ को धक्का दे दिया. यहां से राजनीति विज्ञान में स्नातक करने वाले नड्डा के पिता पटना विश्वविद्यालय में कार्यरत थे.
यह घेराव और विरोध प्रदर्शन इसलिए भी महत्वपूर्ण है,क्योंकि भाजपा, जदयू के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में भागीदार है. पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा दिलाने की मांग करने वाली आइसा अकेली नहीं है. इसकी मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी उठा चुके हैं.
नड्डा के साथ पटना कॉलेज गए भाजपा नेता इस घटना से नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नड्डा के पास आने दिया. एक स्थानीय भाजपा नेता ने कहा, ‘इसके अलावा एक भी महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थीं, जब छात्राएं उनके वाहन के आगे जमीन पर लेट गई थीं.’
नड्डा भाजपा के सात फ्रंटल संगठनों के दो दिवसीय सम्मेलन के लिए दिन में राज्य की राजधानी पहुंचे थे. पार्टी ने उनके नेतृत्व में एक रोड शो भी किया था.’
विरोध के बाद आइसा द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया कि उसकी राज्य इकाई के संयुक्त सचिव कुमार दिव्यम ने प्रदर्शन कर रहे छात्र कार्यकर्ताओं का नेतृत्व किया. संगठन का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ग्रेडेड असमानता को बढ़ावा देने के अलावा कुछ नहीं है. अपनी वेबसाइट पर बयानों में नीति पर अन्य आपत्तियों के साथ संगठन ने जोर दिया है कि निजी संस्थानों की संख्या में वृद्धि, आरक्षण और अन्य नीतियों के माध्यम से लागू सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है.