पटना, 12 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां गंगा किनारे पहुंचकर छठ घाटों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने घाटों की सफाई एवं स्वच्छता व श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
चार दिनों का छठ महापर्व 15 नवंबर (नहाय खाय) से शुरू होगा। 16 नवंबर को खरना के बाद सूर्य की मुख्य पूजा (संध्या अघ्र्य) 17 नवंबर को और उषा अघ्र्य 18 नवंबर को होगा।
गुरुवार को दोपहर बाद मुख्यमंत्री गंगा तट पर पहुंचे और स्टीमर पर चढ़कर नासरीगंज से गायघाट तक छठ घाटों का निरीक्षण किया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “इस वर्ष गंगा में पानी का स्तर काफी नीचे है, इसलिए ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। व्रतियों को ज्यादा गहराई वाले हिस्से में जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग की जाएगी। कुछ घाट हर साल खतरनाक हो जाते हैं, इसलिए वहां लोगों का जाना प्रतिबंधित कर दिया जाता है।”
उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर पर विभिन्न विभागों एवं जिला प्रशासन के साथ बैठक कर गंगा घाटों को बेहतर बनाने के लिए घाटों की सुरक्षा एवं स्वच्छता के लिए योजना बनाई गई है।
नीतीश ने कहा कि जिन घाटों पर पानी ज्यादा है, वहां व्रतियों की सुविधा के लिए तालाब बनाकर सूर्य को अघ्र्य देने की व्यवस्था की जाएगी। छठव्रतियों व उनके परिजनों के गंगा घाट तक पहुंचने के लिए समतल रास्तों का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्रतियों के कपड़ा बदलने के लिए बड़ी संख्या में चेंजिंग रूमों का निर्माण भी कराया जा रहा है।
छठ घाटों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक पी़ क़े ठाकुर, नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा समेत कई अधिकारी भी थे।