पटना, 20 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार के कैमूर जिले के रामगढ़ थाने में ग्रामीणों के हमले के बाद बड़ौरा गांव की रहने वाली एक छात्रा की मौत का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। जनतांत्रिक विकास पार्टी (जविपा) ने दलित परिवार की बेटी की मौत को हत्या बताते हुए आरोपी की तीन दिनों के अंदर गिरफ्तारी की मांग की और न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
जविपा के अध्यक्ष अनिल कुमार ने यहां रविवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस पर हत्या को आत्महत्या का मामला बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना में सरकार और पुलिस का रवैया निराशजनक रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी मनोज सिंह को बचाने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “जविपा इस मामले के आरोपी मनोज सिंह की तीन दिनों के अंदर गिरफ्तारी की मांग करती है। गिरफ्तारी नहीं होने पर छात्रा को न्याय दिलाने के लिए पार्टी धरना, प्रदर्शन करेगी।”
रामगढ़ में पीड़ित परिवारों से मिलकर यहां पहुंचे अनिल कुमार ने कहा कि छात्रा की हत्या का मुख्य आरोपी मनोज सिंह ग्राहक सेवा केंद्र चलाता है, जहां छात्रा का भी खाता है। इसी खाते में पैसे के लेनदेन में छात्रा और मनोज के बीच विवाद हुआ। कुमार का आरोप है कि इसी विवाद में छात्रा ने थाने में मामला दर्ज करवाया था और बाद में फिर मनोज ने छात्रा को बहला-फुसलाकर मामला वापस करवा दिया। इसके बाद पुलिस ने छात्रा का शव रेलवे पटरी से बरामद की, जिसे पुलिस आत्महत्या बता रही है।
उल्लेखनीय है कि छात्रा की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार को जमकर उपद्रव मचाया था। इस दौरान लोगों ने थाने में लगे वाहनों को फूंक दिया तथा थाने में तोड़फोड़ की। आक्रोशित लोगों के हमले और पथराव में मोहनिया पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए।
जविपा के प्रमुख ने कहा, “इस घटना से नीतीश कुमार की पुलिस बेनकाब हो गई और उनका कैसा दलित प्रेम है, यह भी उजागर हो गया है। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या सिर्फ नारों से बेटी बचेगी या बेटी पढ़ पाएगी? जविपा बिहार की दलित छात्रा को न्याय दिलाकर ही दम लेगी।”