पटना, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को अपना ‘दृष्टिपत्र’ (विजन डक्युमेंट) जारी किया। इसमें बिहार को कथित जंगलराज से मुक्त कराकर विकसित करने का वादा किया गया है। दृष्टिपत्र में छात्रों और युवाओं पर विशेष जोर दिया गया है। इधर, सत्तारूढ़ महागठबंधन ने इस दृष्टिपत्र को ‘हवाबाजी’ करार दिया।
पटना, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को अपना ‘दृष्टिपत्र’ (विजन डक्युमेंट) जारी किया। इसमें बिहार को कथित जंगलराज से मुक्त कराकर विकसित करने का वादा किया गया है। दृष्टिपत्र में छात्रों और युवाओं पर विशेष जोर दिया गया है। इधर, सत्तारूढ़ महागठबंधन ने इस दृष्टिपत्र को ‘हवाबाजी’ करार दिया।
भाजपा का दृष्टिपत्र जारी करते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भाजपा के दृष्टिपत्र में बिहार को आर्थिक पिछड़ेपन से निकालने का संकल्प है। इसमें महिला सशक्तीकरण, पर्यावरण, प्रशासनिक सुधार और सुशासन पर बल दिया गया है।
जेटली ने सत्तारूढ़ महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि जंगलराज के निर्माता-निर्देशक तो वही है, बस अभिनेता बदल गए हैं। अभिनेता बदल जाने से कोई अंतर नहीं दिखने वाला है। आज जो महागठबंधन है उसमें शामिल किसी भी दल के पास राजनीतिक स्थिरता नहीं है।
उन्होंने कहा, “2005 में हम लोगों ने बिहार में जंगलराज समाप्त करने का संकल्प लिया था। जंगलराज के खिलाफ दो बार नीतीश के साथ हमलोग चुनाव जीत गए और बाद में उनकी निर्भरता उन्हीं जंगलराज वालों से होती चली गई।”
दृष्टिपत्र में भाजपा ने युवा, महिलाओं और किसानों को मुख्य तौर पर ध्यान में रखा है। इसमें ‘मेक इन बिहार’ और ‘डिजिटल बिहार’ का नारा दिया गया है। साथ ही किसानों के लिए जहां अलग बजट बनाने की बात कही गई है, वहीं बिजली की स्थिति में सुधार का वादा करते हुए मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।
भाजपा ने दृष्टिपत्र में प्रत्येक साल 10वीं और 12वीं कक्षा की 5,000 छात्राओं को मेधा के आधार पर स्कूटी तथा मेधावी छात्र-छात्राओं को लैपटॉप देने का वादा किया है। इसके अलावा दलित और महादलित परिवारों को रंगीन टीवी भी देने का वादा किया गया है।
दृष्टिपत्र में राज्य को पिछड़ेपन से मुक्ति दिलाकर आर्थिक रूप से संपन्न बनाने का वादा किया गया है तथा युवाओं को राज्य में ही रोजगार के अवसर मुहैया कराने, उच्च शिक्षा के साथ प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ अधिक अवसर मुहैया कराने के संकल्प लिए गए हैं।
भाजपा ने किसानों को आकर्षित करने के लिए दृष्टिपत्र में उन्हें ब्याज दर मुक्त कृषि ऋण देने, पानी-बिजली की समस्या दूर करते हुए बीज और उर्वरकों की उपलब्धता सरल बनाने की बात कही है। साथ ही गरीबों को हर साल धोती और साड़ी देने का वादा किया गया है। राज्य में नए जिले, अनुमंडल और प्रखंड बनाने का वादा भी किया गया है।
जेटली ने कहा कि तीन बार ‘जूनियर पार्टी’ के रूप में भाजपा बिहार में सरकार के रूप में रही लेकिन पूरे 68 वर्षो में कांग्रेस, राजद और जद (यू) की सरकार ही रही। इतने लंबे कार्यकाल में राज्य की पूरी तस्वीर बदली जा सकती थी, परंतु इतने सालों में यह उनसे पूछा जाना चाहिए कि बिहार में कितने उद्योग लगे, बिजली कहां पहुंची। दूसर तरफ मध्य प्रदेश जो ‘बीमारू’ राज्य था, वहां की तस्वीर बदल गई। भाजपा सरकार ने वहां कई विकास के काम किए।
भाजपा के नेता ने कहा कि महागठबंधन की तीन टांगें हैं, तीन टांगों पर कभी भी खड़ा नहीं हुआ जा सकता।
उन्होंने कहा, “लोहिया के सिद्धांतों को ताक पर रखकर नीतीश और लालू आज कांग्रेस के साथ मिल गए हैं। वास्तविकता यह है कि कांग्रेस के खिलाफ लोहिया ने सारी उम्र लड़ाई लड़ी थी। स्वाभाविक है कि इन तीनों दलों के बीच कोई वैचारिक समानता नहीं है। सत्ता के लिए आज ये तीनों एक साथ खड़े हैं।”
जेटली ने कहा कि बिहार की मदद के लिए केंद्र सरकार खड़ी रहेगी। जेटली ने कहा कि राजद मानती है कि विकास के नाम पर उसे वोट नहीं मिलेगा, इसलिए अन्य मुद्दों से बिहार को बांटकर वोट पाओ की नीति पर चल रहा है। उन्होंने लालू प्रसाद पर रेलमंत्री रहते गोधरा कांड पर फर्जी रिपोर्ट जारी करवाने का भी आरोप लगाया।
भाजपा के दृष्टिपत्र को राजद के अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ‘हवाबाजी’ करार देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे तो अब तक पूरे हुए नहीं और फिर से वादे करने लगे।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पटना में दृष्टिपत्र पर चुटकी लेते हुए कहा कि यह हारी हुई पार्टी का थका हुआ विजन है, जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि ‘अच्छे दिनों’ के वादे का क्या हुआ, भाजपा के नेताओं को यह बताना चाहिए।
जद (यू) के सांसद पवन वर्मा ने कहा कि बिहार में जो काम पहले से चल रहे हैं, उसी काम को नए नाम से भाजपा ने अपना ‘विजन’ बता दिया है।