“बिहार चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन और मोदी सरकार पर इसके असर के बारे में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का एक महत्वपूर्ण बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि राज्यों के चुनावों को केंद्र सरकार पर जनमत संग्रह नहीं माना जा सकता है। ”
अंग्रेजी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि बिहार का विधानसभा चुनाव मोदी सरकार पर जनमत संग्रह नहीं है हालांकि, अब तक के चुनाव में भाजपा आगे चल रही है। शाह के मुताबिक, पहले और दूसरे चरण में पार्टी का प्रदर्शन अच्छा रहा है और तीसरे और चौथे चरण में भाजपा सबका सफाया कर देगी। लेकिन पांचवा चरण पार्टी के लिए जटिल रहेगा।
अमित शाह के इस बयान को लेकर राजनीति हलचल तेज हो गई है। कई लोग इसे बिहार चुनाव का परिणाम भाजपा के पक्ष में नहीं आने की स्थिति में नाकामी का ठींकरा मोदी सरकार पर नहीं फूटने देने की कोशिश के तौर पर देख रहे हैं। बिहार में हार-जीत के केंद्र सरकार पर असर के सवाल पर अमित शाह ने कहा, “देश तो संसद चलाती है और वहां हमारा स्पष्ट बहुमत है। भाजपा की नीतियां चुनावी हार या जीत से नहीं जुड़ी हैं। किसी भी राज्य का चुनाव केंद्र सरकार पर जनमत संग्रह नहीं हो सकता है।” अमित शाह का बयान ऐसे समय आया है जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। न सिर्फ प्रधानमंत्री बिहार में जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं बल्कि कई केंद्रीय मंत्री बिहार में डेरा जमाए हुए हैं।
हालांकि, शाह ने दावा किया है कि पहले दो चरणों में भाजपा 52-55 सीटें जीतेगी जबकि तीसरे और चौथे चरण में भाजपा क्लीन स्वीप करेगी। तीसरे और चौथे चरण से साफ हो जाएगी कि बिहार में किसकी बनेगी सरकार। अमित शाह ने स्वीकार किया है कि पांचवें चरण का चुनाव भाजपा के लिए मुश्किल है लेकिन वहां के नतीजों से केवल यह तय होगा कि लीड कितनी रहेगी।”