Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 बिहार चुनाव : ताल ठोकेंगे ‘नए दल’ भी | dharmpath.com

Saturday , 23 November 2024

Home » धर्मंपथ » बिहार चुनाव : ताल ठोकेंगे ‘नए दल’ भी

बिहार चुनाव : ताल ठोकेंगे ‘नए दल’ भी

पटना, 30 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा के दंगल में जहां महागठबंधन के साथ सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दल आमने-सामने होंगे, वहीं इस चुनाव में कई ऐसे दल भी ताल ठोकते नजर आएंगे, जिनका खाता अभी विधानसभा में खुलना बाकी है।

पटना, 30 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा के दंगल में जहां महागठबंधन के साथ सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जैसे दल आमने-सामने होंगे, वहीं इस चुनाव में कई ऐसे दल भी ताल ठोकते नजर आएंगे, जिनका खाता अभी विधानसभा में खुलना बाकी है।

इसमें कांग्रेस और वामदल जैसी पार्टी भी शामिल हैं, जिन्हें पिछले कुछ चुनावों में बहुत कम सीटों पर संतोष करना पड़ रहा है। इसके अलावा कई ऐसी पार्टियां भी इस चुनाव में मतदाताओं के सामने होंगे, जिनके निजाम कुछ दिनों तक दूसरे दलों में महत्वपूर्ण भूमिका में थे।

हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) तथा जन अधिकार मोर्चा ऐसी नई पार्टियां हैं, जो पहली बार विधानसभा चुनाव में मैदान में होंगी।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की ‘हम’ व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी है, परंतु सांसद पप्पू यादव का जन अधिकार मोर्चा अब तक यह तय नहीं कर पाया है कि वह राजग के साथ चुनावी दंगल में उतरेगा या अकेले ही ताल ठोकेगा।

जद (यू) के कई बागी मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक मांझी के साथ चले गए। शाहिद अली खान, वृषिण पटेल, विनय बिहारी, नीतीश मिश्रा, अजीत कुमार, रवींद्र राय, जगदीश शर्मा, शकुनी चौधरी, राहुल शर्मा, पूनम देवी, लवली आनंद प्रमुख नाम हैं जो मांझी के साथ हैं।

मांझी को भरोसा दलित वोट बैंक पर है। हम के नेता नीतीश मिश्र भी कहते हैं कि बिहार में दलितों का विकास तो नहीं हुआ, परंतु उनके नाम पर राजनीति खूब चमकाई गई। अपने बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले मांझी की हम नई पार्टी है और बिहार में पहली बार चुनाव लड़ रही है।

उपेंद्र कुशवाह की रालोसपा पिछले लोकसभा चुनाव में राजग के साथ तीन सीटों पर चुनाव लड़ी और तीनों पर पार्टी की जीत हुई। उपेंद्र को कुशवाहा वोट बैंक पर भरोसा है।

कई मौकों पर सीट बंटवारे को लेकर भाजपा को आंख दिखाने वाली रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण कुमार भी कहते हैं कि रालोसपा का अपना वोट बैंक है और ज्यादा सीटें मिलने पर राजग को ही फायदा मिलेगा। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि राजग में सीट बंटवारे को लेकर कहीं कोई विवाद नहीं है।

इधर, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि की समरस पार्टी भी इस चुनाव में तीसरे मोर्चे का दावा करते हुए ताल ठोकने की तैयारी में है। समरस पार्टी भी इस चुनाव में पहली बार चुनाव मैदान में भाग्य आजमाने उतरेगी।

कांग्रेस देश में भले ही बड़ी पार्टी हो, परंतु बिहार में इनकी हालत पतली है। लोकसभा चुनाव हो या विधानसभा चुनाव, लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के उदय के बाद इसका जनाधार काफी खिसका है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सभी 243 सीटों पर अकेले चुनाव मैदान में उतरी थी परंतु चार सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी।

इस चुनाव में कांग्रेस लालू प्रसाद और नीतीश कुमार की पार्टी यानी राजद और जद (यू) के साथ महागठबंधन में शामिल है। महागठबंधन में कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी का दावा है कि इस बार कम से कम 30 सीटें तो जीतेंगे ही। चौधरी के इस दावे में कितना दम है यह तभी पता चल सकेगा, जब यह साफ होगा कि कौन-कौन सी सीटों पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी।

वामपंथी पार्टियों की हालत भी बिहार में बेहतर नहीं मानी जाती। पिछले चुनाव में वाम दलों को मात्र एक सीट से संतोष करना पड़ा था। कहा जाता है कि वाम दलों की रैलियों में भीड़ तो खूब जुटती है, लेकिन भीड़ वोट में तब्दील नहीं हो पाती।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव विजयकांत ठाकुर भी मानते हैं कि पिछले चुनावों में वाम दलों की स्थिति कमजोर हुई है, मगर इस चुनाव में स्थिति बदलेगी, क्योंकि सभी वामपंथी दल मिलकर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है।

बिहार चुनाव : ताल ठोकेंगे ‘नए दल’ भी Reviewed by on . पटना, 30 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा के दंगल में जहां महागठबंधन पटना, 30 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव की तिथि भले ही अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा के दंगल में जहां महागठबंधन Rating:
scroll to top