पटना, 4 मई (आईएएनएस)। नेपाल में 25 अप्रैल को भूकंप आने के बाद फंसे लोगों के बिहार आने के बाद सुविधा देने के लिए बनाए गए तीन राहत शिविरों को सरकार ने बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार का मानना है कि अब राहत शिविरों में लोग नहीं आ रहे हैं, इस कारण इसे बंद किया जा रहा है।
आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी ने सोमवार को बताया कि बैरगनिया, जोगबनी और जयनगर स्थित राहत शिविरों को बंद करने का निर्णय लिया गया है। इन शिविरों में अब कोई पीड़ित आ भी नहीं रहे हैं।
उन्होंने बताया कि रक्सौल स्थित राहत शिविर में भी लोग नहीं आ रहे हैं, परंतु यह शिविर अभी कार्य करेगा।
इधर, आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पटना में बनाए गए नियंत्रण कक्ष के मुताबिक भूकंप के बाद वहां फंसे अब तक 4700 से ज्यादा लोगों को बिहार लाया गया है। बिहार से कुल 91 यात्री बस नेपाल में फंसे लोगों को लाने के लिए काठमांडू सहित अन्य स्थानों पर भेजा गया था। रविवार को दो पीड़ितों को बिहार लाया गया था।
राहत शिविरों में आने वाले भूकंप पीड़ितों का निबंधन कराकर चिकित्सीय सहायता, नि:शुल्क भोजन कराकर गंतव्य तक रवाना किया गया।
इधर, आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि भूकंप पीड़ितों के लिए एकत्रित राहत सामग्रियों को नेपाल भेजा जाएगा। इसके लिए रक्सौल में राहत शिविर कार्य करेगा।
उल्लेखनीय है कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भूकंप पीड़ितों के बीच चलाए जा रहे राहत कार्यो की समीक्षा की थी।