पटना, 22 सितंबर (आईएएनएस)। आमतौर पर रिश्ते में ‘दामाद’ बात-बात पर नाराज होने के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन अगर यह रिश्ता राजनीति में भी नाराजगी के तौर पर दिखे तो आश्चर्य होना लाजिमी है। बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘दामादों’ की नाराजगी का सिलसिला जारी है।
पटना, 22 सितंबर (आईएएनएस)। आमतौर पर रिश्ते में ‘दामाद’ बात-बात पर नाराज होने के लिए चर्चा में रहते हैं, लेकिन अगर यह रिश्ता राजनीति में भी नाराजगी के तौर पर दिखे तो आश्चर्य होना लाजिमी है। बिहार की राजनीति में इन दिनों ‘दामादों’ की नाराजगी का सिलसिला जारी है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के मुख्य घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान के दामाद अनिल कुमार साधु की टिकट बंटवारे को लेकर नाराजगी अभी दूर भी नहीं हुई थी कि हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद के दामाद भी नाराज हो गए हैं।
पासवान के दामाद साधु ने तो यहां तक आरोप लगाया है कि लोजपा में पैसे लेकर टिकट बांटे गए हैं। साधु ने रामविलास के बेटे और लोजपा सांसद चिराग पासवान पर निशाना साधते हुए कहा, “चिराग अहंकार में डूबे हुए हैं। वह बिहार के बेटे नहीं, फ्लॉप ‘हीरो’ हैं।”
कहा जाता है कि साधु कुटुंबा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को वहां से टिकट दे दिया गया।
साधु के नाराजगी भरे अल्फाज यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “पासवान पुत्र मोह में धृतराष्ट्र बन गए हैं। उन्होंने चुनाव में राजग के विरोध में प्रचार करने की भी घोषणा की है।”
चिराग हालांकि इस मामले को परिवार में ही सुलझाने की बात कहते हैं। चिराग का कहना है कि यह पारिवारिक मामला है और घर में बड़े सदस्य मिल-बैठकर मसले को सुलझा लेंगे।
इधर, हम के प्रमुख मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी भी टिकट न मिलने से नाराज हो गए हैं। वह कहते हैं कि वह 1995 से राजनीति में हैं, फिर भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने बोधगया विधानसभा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है।
वहीं सत्ता की इस लड़ाई में अब राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खिलाफ उनके दामाद तेज प्रताप सिंह यादव भी कूदते नजर आ रहे हैं।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव ने बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद तेज प्रताप भी बिहार में चुनाव प्रचार करने आएंगे। ऐसे में यह तय है कि तेज प्रताप अपने ससुर लालू प्रसाद और अपने साले तेजस्वी के खिलाफ बोलते नजर आएंगे।
सपा पहले सत्तारूढ़ महागठबंधन से जुड़कर बिहार चुनाव में उतरने जा रही थी, लेकिन पार्टी को महज तीन सीटें मिलने से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव नाराज हो गए।
उल्लेखनीय है कि सपा इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), समरस समाज पार्टी और समाजवादी जनता दल (राष्ट्रीय) के साथ चुनाव मैदान में उतरी है। इस गठबंधन में सपा को सबसे अधिक 85 सीटंे दी गई हैं।
राज्य में 12 अक्टूबर से शुरू होने वाले चुनाव में जनता दल (युनाइटेड), राजद और कांग्रेस महागठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इनका मुकाबला भाजपा के नेतृत्व वाले राजग, छह वामपंथी दलों के मोर्चा और सपा गठबंधन से है।