कोलकाता, 17 अगस्त (आईएएनएस)। एम.पी. बिड़ला समूह ने सोमवार को कहा कि वह 5,000 करोड़ रुपये में लाफार्ज इंडिया की कुछ सीमेंट इकाइयां खरीदेगी। कंपनी यह राशि आंतरिक संसाधनों से तथा कुछ नए ऋण लेकर जुटाएगी। इस अधिग्रहण से बिड़ला समूह की सालाना सीमेंट उत्पादन क्षमता 55 लाख टन बढ़ जाएगी।
यह अधिग्रहण बिड़ला समूह की कंपनी बिड़ला कॉरपोरेशन और उसकी सहायक कंपनियां करेंगी। कंपनी द्वारा शेयर बाजार को जारी नियामकीय सूचना में कहा गया है कि इसके तहत छत्तीसगढ़ के सोनाडीह में स्थित एकीकृत सीमेंट संयंत्र, झारखंड के जोजोबेरा की सीमेंट ग्रिंडिंग इकाई तथा लाफार्ज इंडिया के कंक्रीटो और पीएससी ब्रांड तथा एक उत्कृष्ट प्रबंधन टीम का अधिग्रहण किया जाएगा।
इन इकाइयों की सीमेंट उत्पादन क्षमता सालाना 51.5 लाख टन है। इसके अलावा उनके पास चूनापत्थर की खदानें भी हैं। इस अधिग्रहण से पूर्वी भारत के सीमेंट बाजार में बिड़ला कॉरपोरेशन की स्थिति मजबूत हो जाएगी, जहां मांग-पूर्ति की स्थिति और परिदृश्य बेहतर है।
1919 में बिड़ला कॉरपोरेशन की स्थापना एक जूट कंपनी के रूप में हुई थी। कंपनी ने बाद में तेजी से अपने सीमेंट कारोबार का विस्तार किया, जो अब कंपनी की आय में 90 फीसदी से अधिक योगदान करती है। कंपनी की सालाना सीमेंट उत्पादन क्षमता एक करोड़ टन है। नई इकाइयों के अधिग्रहण के बाद यह बढ़कर 1.5 करोड़ टन हो जाएगी।
लाफार्ज फ्रांस की कंपनी है, जिसने 1999 में टाटा स्टील के सीमेंट कारोबार का अधिग्रहण कर भारत में प्रवेश किया था। लाफार्ज का कारोबार राजस्थान, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में भी है। भारत में उसकी सीमेंट उत्पादन क्षमता अभी सालाना करीब 1.1 करोड़ टन है।
बिड़ला कॉरपोरेशन के अध्यक्ष हर्ष वी. लोढ़ा ने एक बयान में कहा, “कंक्रीटो और पीएससी ब्रांड के साथ नए कारोबार का अधिग्रहण चुने हुए बाजारों में अपनी प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने की हमारी रणनीति के पूरी तरह उपयुक्त है। मैं खुशी के साथ अपने समूह में नई प्रतिभा और नेतृत्व का स्वागत करता हूं।”
इस समझौते को अभी हालांकि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य नियामकों की अनुमति मिलने का इंतजार है।