खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पारस जैन ने गेहूँ के उपार्जन में जुटी सभी सहकारी संस्थाओं को बारदाने के मानक वजन के अनुसार ही गेहूँ का तौल करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि एक बारदाने का जितना वजन है उसके अनुसार ही गेहूँ का वजन लिया जाना चाहिए। श्री जैन को बारदाने के वास्तविक वजन की तुलना में अधिक वजन लेने की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसे उसे उन्होंने गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि अब इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित कर्मचारी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी।
श्री पारस जैन ने बताया कि पहले चरण के 4 संभाग के बाद शेष संभागों में भी गेहूँ खरीदी का कार्य रफ्तार पकड़ रहा है। होली और रंगपंचमी के बाद अब गेहूँ उपार्जन में तेजी आ रही है। अब तक प्रदेश में 6 लाख 79 हजार 480 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया जा चुका है। उपार्जित गेहूँ में से 5 लाख 18 हजार मीट्रिक टन का भण्डारण किया जा चुका है। समर्थन मूल्य और बोनस सहित की जा रही गेहूँ की खरीदी के एवज में पंजीकृत किसानों को 1024 करोड़ 58 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है। जिन किसान से गेहूँ की खरीदी की गई है, उनकी संख्या एक लाख 9 हजार 132 है।
श्री पारस जैन ने सभी जिलों को उपार्जित गेहूँ के परिवहन और भण्डारण में गति लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गेहूँ की ई-उपार्जन प्रक्रिया की सतत् मॉनीटरिंग की जा रही है। जिलों से प्राप्त होने वाली शिकायतों का मौके पर ही निराकरण हो रहा है। श्री जैन के अनुसार गेहूँ के उपार्जन में अब तक 2 लाख 30 हजार 478 मीट्रिक टन के साथ उज्जैन संभाग सबसे आगे चल रहा है। इसके बाद इंदौर संभाग ने एक लाख 86 हजार 326 मीट्रिक टन, भोपाल संभाग ने एक लाख 58 हजार 814 मीट्रिक टन और नर्मदापुरम् संभाग ने एक लाख 8 हजार 273 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की है। यह चार संभाग पहले चरण के हैं, जहाँ 18 मार्च से गेहूँ की खरीदी शुरू हुई है। शेष 6 संभाग में 25 मार्च से गेहूँ के उपार्जन की कार्यवाही शुरू हुई है। इन संभाग में जबलपुर में 3,446 मीट्रिक टन, सागर में 1257 मीट्रिक टन, चंबल 374 मीट्रिक टन और ग्वालियर में 148 मीट्रिक टन गेहूँ की खरीदी की जा चुकी है।