ढाका, 7 जून (आईएएनएस)। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे को एक नए युग की शुरुआत और भू-सीमा समझौते को द्विपक्षीय संबंधों के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए बांग्लादेश के समाचार पत्रों ने रविवार को कहा कि पड़ोसी देश सहयोग के महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए हैं।
मोदी की शनिवार से शुरू हुई बांग्लादेश यात्रा अखबारों में छाई रही। इस दौरान कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी बस सेवाओं को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई गई। अखबारों में प्रधानमंत्री के भाषण और उनके विभिन्न कार्यक्रमों से जुड़ी विभिन्न रपटें प्रकाशित हुईं।
बांग्लादेश का सर्वाधिक बिकने वाला बंगाली समाचार पत्र ‘प्रोथोम अलो’ के मुताबिक, “नि:संदेह दो घनिष्ठ पड़ोसियों के बीच एलबीए समझौता सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। सहयोग का एक नया द्वार खुल गया है।”
समाचार पत्र ने एलबीए के संबंध में पिछले 40 सालों में विभिन्न उतार-चढ़ाव का भी उल्लेख किया है। अखबार ने शेख हसीना सरकार की आतंकवादियों को पनाह नहीं देने की नीति को भी महत्वपूर्ण कारक बताया, जिसकी वजह से एलबीए मुद्दे के समाधान में मदद मिली।
बांग्लादेश के अंग्रेजी समाचार पत्र ‘द डेली स्टार’ ने मुखपृष्ठ पर ‘डॉन ऑफ अ न्यू इरा’ यानी ‘एक नए युग की शुरुआत’ शीर्षक के साथ लिखा, “बांग्लादेश और भारत ने अपने संबंधों में उम्मीदों के एक नए अध्याय खोल दिए हैं। पिछले कुछ दशकों से संदिग्ध राजनीति, अदूरदर्शी कूटनीति और सुस्त नौकरशाही ने संबंधों को नीरस कर दिया था।”
तीस्ता नदी जल बंटवारा संधि पर समझौता नहीं होने की ओर उल्लेख करते हुए समाचार पत्र ने कहा, “मोदी ने अपने भाषण में पिछले लंबे समय से बांग्लादेश के तीस्ता जल बंटवारे के प्रति चिंता जताई।”
समाचार पत्र ने इस समझौते की राह में बाधा उत्पन्न करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दोषी ठहराते हुए कहा, “मोदी की तरफ से ईमानदारी में कोई कमी नहीं है।”