नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) इंटरनेशनल प्लांड पैरेंटहुड फेडरेशन (आईपीपीएफ) की वालंटियर अनीता प्रसाद एक समय तक गर्भनिरोधक और यौन प्रजनन स्वास्थ्य से बिल्कुल अनजान थीं। इन विषयों से उनका पाला 2013 में उनकी एक नाबालिग गर्भवती सहेली के मदद मांगने पर पड़ा।
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) इंटरनेशनल प्लांड पैरेंटहुड फेडरेशन (आईपीपीएफ) की वालंटियर अनीता प्रसाद एक समय तक गर्भनिरोधक और यौन प्रजनन स्वास्थ्य से बिल्कुल अनजान थीं। इन विषयों से उनका पाला 2013 में उनकी एक नाबालिग गर्भवती सहेली के मदद मांगने पर पड़ा।
उस घटना ने सहसा अनीता को इस सच्चाई से रूबरू कराया कि दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका गांव में रहते हुए न तो उन्हें और न उनके युवा दोस्तों को इन जरूरी विषयों की कोई जानकारी है।
इस कड़वी सच्चाई ने दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा अनीता को इंटरनेशनल प्लांड पैरेंटहुड फेडरेशन (आईपीपीएफ) द्वारा आयोजित प्रजनन स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विषय पर होने वाली कक्षाओं में शामिल होने के लिए मजबूर किया। उनके लिए आईपीपीएफ का नजदीकी केंद्र आर.के. पुरम था।
अनीता ने पूर्व में आईपीपीएफ द्वारा संचालित युवा चेतना केंद्र में सिलाई एवं कटाई का प्रशिक्षण लिया था। उन्हें पता चला कि यह केंद्र यौन स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन विषय पर भी कक्षाएं आयोजित करता है, जिसके बाद उन्होंने इसमें शामिल होने का निर्णय लिया।
अनीता ने आईएएनएस को बताया, “मैं जानती थी कि मुझे ये चीजें जाननी होंगी और अपने युवा दोस्तों एवं चचेरे-ममेरे भाई-बहनों को भी यौन संबंधों से जुड़े जोखिमों एवं सावधानियों के बारे में बताना होगा।”
अनीता इन कक्षाओं में पहली बार 20 साल की उम्र में गईं और आज वह इंटरनेशनल प्लांड पैरेंटहुड फेडरेशन की वालंटियर हैं। यह संस्था 170 देशों में सक्रिय है।
अनीता अपनी उपलब्धियों का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उन्होंने कहा, “मैं अब ऐसे मुकाम पर हूं, जहां दूसरों की मदद करती हूं। मेरे मुहल्ले की प्रत्येक आयुवर्ग की महिलाएं मुझसे सलाह-मशविरा लेती हैं। बीते वर्षो में हमारे इलाके में अधिक से अधिक युवा अपने शरीर और कामुकता के बारे में जागरूक हुए हैं।”
आर.के. पुरम स्थित प्रजनन स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन केंद्र को अस्तित्व में आए 40 साल हो चुके हैं। यह केंद्र शहर में करीब 3,15,000 लोगों तक पहुंचा है, जिनमें से अधिकांश दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले ग्रामीण एवं झुग्गीवासी हैं।
इंटरनेशनल प्लांड पैरेंटहुड फेडरेशन की क्षेत्रीय निदेशक(दक्षिण एशिया क्षेत्र) अंजलि सेन के अनुसार, ये केंद्र कुछ खास इलाकों का अच्छी तरह से विश्लेषण करने के बाद शुरू किए गए।
हालांकि वह कहती हैं, “यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य तक पहुंचना कई युवा लोगों के लिए दूर की कौड़ी बनी हुई है। इसलिए हमने वर्ष 2020 तक 1.20 करोड़ महिलाओं एवं लड़कियों को परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।”