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 बदहाल मप्र में बीते 6 माह में उम्मीदें परवान चढ़ीं : कमलनाथ | dharmpath.com

Tuesday , 26 November 2024

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बदहाल मप्र में बीते 6 माह में उम्मीदें परवान चढ़ीं : कमलनाथ

भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के छह माह हो गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उन्हें समस्याग्रस्त प्रदेश मिला था, जनता की उम्मीदें पूरी करने का सरकार ने अभियान चलाया और उससे हर वर्ग की जिंदगी बदल रही है।

मुख्यमत्री कमलनाथ ने सोमवार को सरकार के छह माह पूरे होने पर एक ब्लॉग लिखकर अपनी बात कही है। उन्होंने ब्लॉक की सामग्री फेसबुक पर भी पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने कहा है, “एक लंबी तपन के बाद मॉनसून आपके द्वार खड़ा मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबुओं के साथ नए उत्साह और उम्मीदों की दस्तक दे रहा है। मगर आहिस्ते आहिस्ते बीती लंबी तपन की पीड़ाएं भी कह रहा है।”

भाजपा के 15 सालों के शासनकाल पर तंज सकते हुए कमलनाथ ने लिखा है, “बीते 15 सालों ने प्रदेश का सब कुछ झुलसा दिया था इस धूप ने। अर्थ तंत्र, सुशासन, नारी सम्मान, किसानों का जीवन, युवाओं का रोजगार, दलितों, आदिवासी भाइयों का आत्मसम्मान, सब कुछ। आíथक बदहाली का आलम यह था कि आठ हजार करोड़ रुपये का राजस्व घाटा था, कर्मचारियों की तनख्वाह के लाले पड़ रहे थे। कई बार भारतीय रिजर्व बैंक से उधार लेकर काम चलाया गया था, एक लाख 87 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मप्र पर हो गया था, निवेश औंधे मुंह गिर गया था। सुशासन और न्याय का तो नामोनिशान नहीं था, 46 हजार बेटियां अपनी लाज नहीं बचा सकी थीं, 48 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हो गए थे, किसानों को फसलों के दाम मांगने पर गोलियां मारी जा रही थीं, बच्चों के भविष्य को व्यापमं के माध्यम से बेचा जा रहा था। अर्थात विरासत में जो कुछ मिला था, वह था ‘झुलसा और मुरझाया हुआ एक तंत्र’।”

‘लंबी झुलसती धूप के बाद मॉनसून का सुकून’ शीषक वाले ब्लॉक में एक कहावत ‘भगवान के घर देर है, मगर अंधेर नहीं है’ का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने लिखा है, “रोहिणी जितनी तपती है, बारिश उतनी ही अच्छी होती है। अंतत: मौसम ने अंगड़ाई ली, मॉनसून आ पहुंचा है। सबसे पहले किसानों के द्वार कर्जमाफी बनकर, फिर गरीबों के घर सस्ती बिजली की सौगात बनकर। अब अपराधों में भी कमी आ रही है, बेटियां 51 हजार रुपये विवाह में मदद भी पा रही हैं।”

उन्होंने आगे कहा है, “प्रदेश के नागरिकों की प्यास अब अधिकार बन रहा है (पानी का अधिकार), शहरी विकास की संभावनाएं तरक्की की नई इबारत लिख रही हैं, नया निवेश आ रहा है, औद्योगिक विकास खुशियों के गीत गा रहा है, और उसमें प्रदेश के युवा का 70 प्रतिशत स्थान सुनिश्चित किया जा रहा है, गरीबों के घर बेहद सस्ती बिजली से रोशन हो रहे हैं। कहते हैं कि बिजली की खपत समृद्घि का द्योतक है। बीते छ: माह में बिजली की खपत में 16 से 48 प्रतिशत तक वृद्घि हुई है। पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देकर आगे लाया जा रहा है। दलितों और आदिवासी भाइयों की खुशहाली का गौरव गान गाया जा रहा है।”

कमलनाथ ने आगे कहा है, “अंतत:, बीते छह माह की अपनी सरकार में प्रदेश की उम्मीदें परवान चढ़ रही हैं और बेटियां हिमालय। युवा आशान्वित हैं और किसान आश्वस्त। पिछड़े दलित और आदिवासी भाइयों की चुनौतियां अवसरों में तब्दील की जा रही हैं। गौ माता गौशालाओं में घर पा रही हैं। अब मां नर्मदा भी मैया क्षिप्रा के घर जा रही हैं, वर्षा झूम कर आ रही है और प्रदेश की तरक्की मुस्कुरा रही है।”

बदहाल मप्र में बीते 6 माह में उम्मीदें परवान चढ़ीं : कमलनाथ Reviewed by on . भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के छह माह हो गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उन्हें समस्याग् भोपाल, 17 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के छह माह हो गए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ का दावा है कि उन्हें समस्याग् Rating:
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