नई दिल्ली, 1 फरवरी –देश के लघु व मध्यम उद्योग को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार आगामी आम बजट में 300 से ज्यादा मदों पर पर सीमा शुल्क में इजाफा कर सकती है। ऐसे मदों में खिलौने, फर्नीचर, फुटवेयर, कोटेड पेपर, रबर की वस्तुएं हो सकती हैं। घरेलू उद्योग को राहत दिलाने, रोजगार को प्रोत्साहन देने और आयात कम करने व राजस्व बढ़ाने के मकसद से सरकार इस दिशा में कदम उठा सकती है क्योंकि इन वस्तुओं का उत्पादन मुख्य रूप से लघु व मध्यम उद्योग क्षेत्र में होता है जहां रोजगार के अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बजट संबंधी अपने सुझावों में फर्नीचर, केमिकल्स, रबर, कोटेड पेपर, पेपर बोर्ड समेत विभिन्न क्षेत्रों के 300 से अधिक मदों पर बेसिक कस्टम डयूटी युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव दिया है।
मंत्रालय ने फुटवेयर व संबंधित उत्पादों पर सीमा शुल्क 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है जबकि रबर की नई न्यूमैटिक टायर पर शुल्क की दर मौजूदा 10-15 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है।
फुटवेयर यानी जूते-चप्पल पर आयात शुल्क बढ़ाने से देश में सस्ते जूते-चप्पल का आयात बढ़ने पर रोक लगेगी।
ज्यादातर आयात आसियान देशों से होता है जहां जिनका भारत के साथ मुक्त व्यापार करार है और इस बात की आशंका है कि इन देशों के जरिए चीन बड़े पैमाने पर भारतीय बाजारों में अपनी वस्तुएं भेजता है। मंत्रालय ने फर्नीचर पर आयात शुल्क 20 फीसदी से बढ़ाकर 30 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि कोटेड पेपर, पेपर बोर्ड और हैंड मेड पेपर पर आयात शुल्क दोगुना बढ़ाकर 20 फीसदी करने पर विचार करने को कहा गया है।