शोध के अनुसार, बच्चों के सिर के पीछे हल्के थप्पड़ मारने से उनमें मानसिक समस्याओं और संज्ञानात्मक क्षमताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
निष्कर्षो तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं ने पांच दशकों के डेटा का विश्लेषण किया। इस दौरान शोधार्थियों ने 1,60000 बच्चों के जीवन का आकलन किया। इस दौरान शोधार्थियों ने इस अनुभव से गुजरने वाले बच्चों और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकास की संभावना के बीच एक सकारात्मक संबंध पाया।
ऑस्टिन स्थित युनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से इस अध्ययन की लेखिका एलिजाबेथ जेरशॉफ के अनुसार, “हमने शोध में देखा कि सिर के पीछे थप्पड़ लगाना हानिकारक निष्कर्षो के साथ संबंधित है। साथ ही माता-पिता अगर सोचते हैं कि ऐसा करने से उनके बच्चे सुधर जाएंगे, तो यह गलत है क्योंकि इस तरह का व्यवहार बच्चों को अधिक समय तक सुधार कर नहीं रख सकता है।”
यह शोध ‘जर्नल ऑफ फैमिली साइकॉलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।