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 बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ साहित्योत्सव संपन्न | dharmpath.com

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बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ साहित्योत्सव संपन्न

March 14, 2015 8:46 pm by: Category: भारत Comments Off on बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ साहित्योत्सव संपन्न A+ / A-

Sahitya-1नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। साहित्य अकादेमी के वार्षिक साहित्यिक आयोजन साहित्योत्सव 2015 का छठा एवं अंतिम दिन बच्चों की लेखकीय एवं रचनात्मक प्रतिभा को उभारने के लिए समर्पित रहा।

‘बाल साहिती’ शीर्षक के अंतर्गत आयोजित हुए इस कार्यक्रम में बच्चों की किताबों के विमोचन से लेकर बच्चों के लिए कविता लेखन प्रतियोगिता, चित्र प्रतियोगिता सहित विशेष रूप से सक्षम बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा कहानी-वाचन आदि के विभिन्न कार्यक्रम हुए।

कार्यक्रम का प्रारंभ प्रख्यात जापानी बाल साहित्यकार ताजिमा शिन्जी की दो अंग्रेजी पुस्तकों ‘गौड़ीज ओशन’ तथा ‘लीजेंड ऑफ प्लैनेट सरप्राइज’ के विमोचन से हुआ। ताजिमा शिन्जी शांतिनिकेतन में भी रह चुके हैं और साहित्य अकादमी से उनकी इन पुस्तकों के दूसरी भाषाओं के भी संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं।

ताजिमा शिन्जी की पुस्तक गौड़ीज ओशन पेसेफिक महासागर में प्रदूषण के कारण मर रहे जलप्राणियों के बारे में है। उन्होंने पर्यावरण के प्रति अनदेखी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इस पुस्तक के कुछ अंश भी पढ़े।

इससे पहले साहित्य अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने कहा कि बच्चे किसी भी देश के लिए सबसे बड़े संसाधन होते हैं और उनका मानसिक व शारीरिक विकास राष्ट्र की पूंजी है। अत: उनके लिए अच्छे साहित्य के लिए अकादमी 24 भारतीय भाषाओं में बाल साहित्य प्रकाशित कर रही है।

उन्होंने कहा कि हम अपनी गतिविधियां केवल शहरों तक ही सीमित नहीं रखना चाहते हैं बल्कि गांव-गांव तक पहुंचाना चाहते हैं। उन्होंने बच्चों को अपना संदेश देते हुए कहा, ‘आप अकेले नहीं हैं। आप बहादुर बनें और आगे बढ़कर अपने फैसले लें।’

इस अवसर पर नई दिल्ली महानगर पालिका की शिक्षा निदेशिका विदुषी ने कहा कि बच्चों के लिए अच्छे साहित्य की बेहद कमी है। हमें ‘पंचतंत्र’ और ‘एलिस इन वंडरलैंड’ की कथाओं से बाहर निकल कर बच्चों को वर्तमान समय का कुछ नया और बेहतर साहित्य देना होगा। उन्होंने बाल साहित्य के बंधे-बंधाए र्ढे पर होने और इसमें लौकिक चेतना न होने पर भी चिन्ता प्रकट की।

उन्होंने बच्चों के ज्यादा टी.वी. देखने तथा घर से बाहर निकल कर न खेलने और न लोगों से मिलने पर चिन्ता प्रकट करते हुए कहा कि हमें बच्चों को स्कूली किताबों के बोझ से मुक्त कर कुछ रचनात्मक करने के लिए प्रेरणा देने वाले साहित्य को रचना होगा। उन्होंने स्कूलों में हो रहे बच्चों के साथ भेदभाव पर चिंता प्रकट की।

इसके बाद बच्चों के लिए कविता प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बच्चों ने ‘स्वच्छ भारत’ विषय पर कविताएं लिखीं। इसके बाद हुए कहानी पाठ में मधु पंत, देवेन्द्र मेवाड़ी, बुलबुल अंजना शर्मा तथा रॉबिंसन ने बच्चों को रोचक तरीके से कहानियां सुनाईं। इसके बाद बच्चों की पुस्तकों के लिए चित्रकारी विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

शाम को हुई परिचर्चा नवकिशोरों के लिए पुस्तक लेखन पर कई लेखकों/प्रकाशकों ने कहा कि अभी हम पश्चिम से आयातित साहित्य ही छाप रहे हैं। भारतीय नवकिशोरों के लिए विशेष रूप से लिखने और प्रकाशन करने की जरूरत है।

भारतीय कथा साहित्य में क्षेत्र तथा राष्ट्र विषयक तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के आज अंतिम दिन भारतीय कथा साहित्य में महिलाएं तथा राष्ट्र विषय पर विचार विमर्श हुआ, जिसमें रुक्मिणी भाया नायर, वोल्गा, लीना चंदोरकर, अनामिका, पी. शिवकामी, माया पंडित, हरीश नारंग, विवेक शनभाग तथा रमणिका गुप्ता ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

बच्चों की रचनात्मक प्रतिभा के प्रदर्शन के साथ साहित्योत्सव संपन्न Reviewed by on . नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। साहित्य अकादेमी के वार्षिक साहित्यिक आयोजन साहित्योत्सव 2015 का छठा एवं अंतिम दिन बच्चों की लेखकीय एवं रचनात्मक प्रतिभा को उभारने नई दिल्ली, 14 मार्च (आईएएनएस)। साहित्य अकादेमी के वार्षिक साहित्यिक आयोजन साहित्योत्सव 2015 का छठा एवं अंतिम दिन बच्चों की लेखकीय एवं रचनात्मक प्रतिभा को उभारने Rating: 0
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