गुड़गांव, 18 जनवरी (आईएएनएस)। चार वर्ष पहले एक बच्चे की चिकित्सा के दौरान उसकी मौत हो गई थी, और इस मामले में अब एक अस्पताल के सात चिकित्सकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने रविवार को कहा कि एक जिला अदालत द्वारा शनिवार को दिए गए निर्देश पर चिकित्सकों के खिलाफ सदर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मेदांता द मेडिसिटी के चिकित्सकों पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही के कारण मौत, और फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उसका इस्तेमाल करने से संबंधित आरोप लगाए गए हैं।
यश अरोड़ा नामक बच्चा मार्च 2010 में यकृत के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती था।
जांच के बाद चिकित्सकों ने यकृत बदलने का सुझाव दिया। आपरेशन के बाद बच्चे और उसकी मां की हालत खराब होने लगी। मां बच्चे को यकृत दे रही थी।
सहायक पुलिस आयुक्त राजेश कुमार ने आाईएएनएस को बताया, “प्राथमिकी के अनुसार, बच्चे का जुलाई 2011 में उस वक्त निधन हो गया जब वह मेदांता में चिकित्सकों की निगरानी में था।”
बच्चे के पिता पंकज अरोड़ा ने चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने की भरसक कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
अरोड़ा ने बाद में न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत का दरवाजा खटखटाया और अदालत ने चिकित्सा अधीक्षक ए.के. दुबे सहित चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का पुलिस को आदेश दिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।