नई दिल्ली, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाए गए अभियान, इसके कारण सर्द मौसम में बेघर हुए लोगों और एक बच्ची की मौत पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच सोमवार को जुबानी जंग छिड़ी रही।
पीड़ित बच्ची के पिता का कहना है कि बच्ची की मौत शनिवार को झुग्गी बस्ती गिराए जाने से पहले जगह खाली करने के लिए मची अफरा-तफरी के कारण हुआ।
बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची की मौत सिर और छाती में लगी चोट और सदमे के कारण हुआ है।
रेल मंत्री ने पश्चिमी दिल्ली के शकूरबस्ती इलाके में शनिवार को अतिक्रमण के खिलाफ चलाई मुहिम में झुग्गी बस्ती तोड़ने के दौरान बच्ची की मौत के आरोपों को गलत बताया।
रेल मंत्री ने कहा कि बच्ची की मौत अभियान शुरू होने से काफी पहले हो गई थी।
झुग्गी बस्ती ढहाए जाने के बाद से बस्ती वासी खुले में रह रहे हैं। दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने कहा है कि वह गरीबों को भोजन और आश्रय मुहैया कराने के प्रति कटिबद्ध है।
सोमवार को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष अजय माकन के साथ राहुल गांधी झुग्गी बस्ती वालों से मिलने पहुंचे और उनके अधिकारों के लिए लड़ने का संकल्प व्यक्त किया।
राहुल ने कहा, “हम आपकी मदद करने की कोशिश करेंगे..हम आपके लिए लड़ेंगे..हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।”
राहुल के कार्यालय से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि दिल्ली की राज्य सरकार और केंद्र सरकार शनिवार को झुग्गी बस्तियों के ढहाए जाने के दोषी हैं और ‘अब वे एकदूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।’
ट्वीट में आगे कहा गया है, “इसकी बजाय उन्हें विस्थापित लोगों को मदद करनी चाहिए और उनके पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए।”
अरविंद केजरीवाल ने भी राहुल पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल अभी ‘बच्चे’ हैं, जिन्हें यह भी नहीं पता कि झुग्गी बस्ती हटाने वाला रेलवे केंद्र सरकार द्वारा संचालित है न कि दिल्ली सरकार द्वारा।
उधर रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अरविंद केजरीवाल के साथ अभियान के दौरान बेघर हुए लोगों के पुनर्वास और सार्वजनिक भूमि के उपयोग पर चर्चा करने का भी वादा किया।
रेल मंत्री ने कहा कि उत्तर रेलवे ने उन्हें सूचित किया था कि अतिक्रमण के कारण एक नया यात्री टर्मिनल बनाने में उन्हें दिक्कतें आ रही हैं और यह सुरक्षा की दृष्टि से भी खतरनाक है।
लोकसभा में आप सांसद भगवंत मान ने झुग्गी बस्ती ढहाए जाने को ‘गरीबों का उत्पीड़न’ बताते हुए चिंता जाहिर की।
दिल्ली सरकार ने भी इसके लिए सोमवार को फिर से केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताया। आप के मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, “रेलवे की भूमि पर पिछले 20-30 वर्षो से रह रहे इन झुग्गी बस्ती वासियों को जो क्षति हुई है उसकी पूर्ति बेहद मुश्किल है।”
सत्येंद्र ने कहा, “यह अमानवीय कार्रवाई है। क्या झुग्गी बस्ती वालों के पुनर्वास के लिए कोई व्यवस्था की गई थी? केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक वैकल्पिक बंदोबस्त किए बगैर कोई संपत्ति नहीं ढहाई जा सकती।”
उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘केजरीवाल को सबक सिखाने’ के उद्देश्य से चलाया गया।
रेलवे ने अतिक्रमण के खिलाफ चलाए इस अभियान में शनिवार को 500 से अधिक झुग्गियों को तोड़ दिया, जिस दौरान छह माह की एक बच्ची की जान चली गई, जबकि सैकड़ों लोग सर्दी के इस मौसम में बेघर हो गए।
इस बीच तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वे संसद में इस अतिक्रमण अभियान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में आप का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।