कोलकाता, 5 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में सोमवार को लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में दो दिग्गजों तृणमूल कांग्रेस से पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी व भाजपा के बाहुबली नेता अर्जुन सिंह व अनुसूचित जाति समुदाय के मतुआ महासंघ के बेहद प्रभावशाली चाची-भतीजे की लड़ाई प्रमुख आकर्षण होगी।
सात निर्वाचन क्षेत्रों बैरकपुर, बनगांव, हावड़ा, उलुबेरिया, श्रीरामपुर, हुगली व आरामबाग में सोमवार को मत डाले जाएंगे। इन्हें राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का मुख्य क्षेत्र माना जाता है।
करीब 1,16,72,144 मतदाता 83 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 13,290 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर करेंगे।
2014 के लोकसभा चुनावों में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस ने विपक्ष को हराकर इन सभी सात सीटों पर जीत दर्ज की थी।
हालांकि, इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोलकाता से लगे तीन जिलों हावड़ा, हुगली व उत्तर 24 परगना में फैली सात सीटों पर तृणमूल को चुनौती दे रही है।
उत्तर 24 परगना के बैरकपुर में पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी अपने पूर्व चुनाव प्रबंधक अर्जुन सिंह से मुकाबला कर रहे हैं। तृणमूल नेतृत्व द्वारा बैरकपुर से टिकट दिए जाने से इनकार के बाद अर्जुन सिंह मार्च में भाजपा में चले गए। त्रिवेदी इस सीट से दो बार से सांसद रहे हैं।
अर्जुन सिंह के तृणमूल से पलायन ने बैरकपुर को प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना दिया। यहां से 15 उम्मीदवार मैदान में हैं।
बैरकपुर एक औद्योगिक क्षेत्र है, जिसमें 35-40 फीसदी गैर बंगाली मतदाता हैं जिसमें से ज्यादातर जूट मिलों में काम करते हैं और 17 फीसदी लोग अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।
हालांकि त्रिवेदी, सिंह को बहुत कम महत्व देते हैं।
त्रिवेदी ने कहा, “लोग पिस्तौल से ऊपर कलम को तरजीह देंगे। कोई भी माफिया के लिए वोट नहीं देगा, जिस पर भारतीय दंड संहिता की लगभग सभी धाराएं लगाई गईं हैं। चुनाव विकास के लिए है और लोग हमें तृणमूल सरकार व इसके स्थानीय टीम के तहत किए गए विकास कार्यो के लिए वोट देंगे।”
दूसरी तरफ सिंह ने कहा कि वह जीत को लेकर 200 फीसदी निश्चित हैं क्योंकि लोग त्रिवेदी को न के बराबर जानते हैं। उन्होंने कहा कि त्रिवेदी तीसरे नंबर पर आ सकते हैं।
दोनों उम्मीदवार आक्रामक रूप से प्रचार कर रहे हैं, जबकि माकपा बैरकपुर में फिर से उभरने की उम्मीद में है क्योंकि उसे लगता है कि सिंह तृणमूल के वोटों को काटेंगे।
माकपा की उम्मीदवार गार्गी चटर्जी ने कहा, “स्थिति हमारी (माकपा) जीत के लिए बनी हुई है। तृणमूल व भाजपा के खिलाफ लहर चल रही है, जो कि क्रमश: राज्य व केंद्र की सत्ता में है। सिंह द्वारा तृणमूल के वोटों को काटे जाने की संभावना है, हम लाभ की स्थिति में हैं।”
कांग्रेस ने बैरकपुर से मोहम्मद आलम को उतारा है।
बनगांव में तृणमूल की मौजूदा सांसद ममताबाला ठाकुर को उनके रिश्ते में भतीजे भाजपा उम्मीदवार शांतनु ठाकुर चुनौती दे रहे हैं। ममता बाला ठाकुर वर्तमान में मतुआ महासंघ की प्रमुख हैं।
मतुआ महासंघ को बंगाल का दूसरा सबसे प्रभावशाली अनुसूचित जाति समुदाय माना जाता है। इसमें प्रमुख तौर पर बांग्लादेश के निम्न जाति के हिंदू शरणार्थी शामिल हैं। इनके एक करोड़ से ज्यादा सदस्य दक्षिण बंगाल के जिलों, खास तौर से उत्तर 24 परगना में फैले हुए हैं।
शांतनु पूर्व मंत्री मंजुल कृष्ण ठाकुर के बेटे हैं। मंजुल कृष्ण ठाकुर, ममताबाला के दिवंगत पति कपिल कृष्णा के भाई हैं।
शांतनु की कार की शनिवार को पुलिस के स्टीकर वाले वाहन से टक्कर हो गई जिससे उनके सिर में चोट आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। भाजपा आरोप लगा रही है कि शांतनु को जान से मारने की साजिश की गई।
माकपा के अलकेश दाव व कांग्रेस के सौरव प्रसाद सहित कुल 10 उम्मीदवार भारत-बांग्लादेश सीमा से लगी सीट से मैदान में हैं।
पांचवें चरण के मतदान के दूसरे स्टार उम्मीदवारों में तृणमूल के मौजूदा सांसद वकील कल्याण बनर्जी (श्रीरामपुर) व पूर्व फुटबॉलर प्रसून बनर्जी (हावड़ा से), जबकि भाजपा ने अभिनेत्री से राजनेता बनी लॉकेट चटर्जी (हुगली) व वरिष्ठ पत्रकार रांतिदेव सेनगुप्ता को (हावड़ा) से उम्मीदवार बनाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी इस चरण के स्टार प्रचारकों में शामिल थे।