कोलकाता, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। बंगाल में पोइला बैशाख के अवसर श्रद्धालुओं ने मशहूर दक्षिणेश्वर मंदिर और कालिघाट जाकर माता काली का दर्शन किया और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और बंगाली नववर्ष ‘पोइला बैशाख’ मनाया।
कोलकाता, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। बंगाल में पोइला बैशाख के अवसर श्रद्धालुओं ने मशहूर दक्षिणेश्वर मंदिर और कालिघाट जाकर माता काली का दर्शन किया और मिठाइयों का आदान-प्रदान किया। लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी और बंगाली नववर्ष ‘पोइला बैशाख’ मनाया।
इस दिन को नए वित्तीय वर्ष का आरंभ के रूप में भी मनाया जाता है इसलिए दुकानदार और व्यापारियों ने ‘हाल खाटा’ मनाया और पुराने खातों को बंद किया व नए खाते शुरू किए।
बंगाब्द या बंगाली कैलेंडर की शुरुआत 1584 ई.वी. में मुगल बादशाह अकबर ने शुरू किया था। शुरू में इसे ‘तारीख-ए-इलाही’ के नाम से जाना जाता था और इसका उद्देश्य राजस्व एकत्र करने में अकबरी शासन के बढ़ते कदम को महिमा मंडित करना था।
त्योहारी उत्साह के साथ कदम ताल मिलाते हुए शहर और राज्य भर में खाने-पीने की दुकानों ने बंगाली समुदाय की पसंदीदा चीजों की पेशकश के जरिए जाल बिछा रखा था। दुकानों में ग्राहकों के लिए माछार चोप, कुमरो फुल भाजा, दाब चिंग्री और मिष्टि दोई जैसे परंपरागत व्यंजन परोसे गए।
मुंह में व्यंजन और मिठाई गए बगैर किसी भी बंगाली घर में त्योहार मनाना पूरा नहीं होता। व्यंजन का स्वाद ही त्योहारी मानसिकता को बढ़ा देता है।
मुस्कराते हुए कारोबारियों ने मिठाई और नए बंगाली कैलेंडर के साथ ग्राहकों का स्वागत किया। नववर्ष के मौके पर बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करने निकल पड़े थे।
लोगों ने एक दूसरे को ‘शुभ नव वर्षो’ कहकर बधाई दी और बच्चों ने एक दूसरे को बधाई पत्र थमाया।