वाशिंगटन, 15 नवंबर (आईएएनएस)। फ्रांस को नासूर बने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खिलाफ लड़ाई छेड़ने को लेकर कोई संदेह नहीं रखना चाहिए, लेकिन उसे वैसी गलती भी नहीं करनी चाहिए जैसी अमेरिका ने आतंकवादी संगठन अल कायदा के खिलाफ अपनी जंग में की थी। यह बात रविवार को समाचारपत्र ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने अपने संपादकीय में कही।
समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा, “हमें आशा है कि अमेरिका ने अल कायदा के खिलाफ अपनी लड़ाई के शुरुआती चरणों में जो गलतियां की थीं, फ्रांस उन्हें दोहराए बिना समझेगा कि अगर पश्चिम कानून-व्यवस्था को ताक पर रखता है, तो उसके हाथ कुछ नहीं लगेगा।”
कहा गया है, “राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने शनिवार को घोषणा की कि यह एक जंग है। यह ऐसी एक जंग है, जो जीती जा सकती है और यह जंग उन मान्यताओं और मूल्यों का बलिदान दिए बिना जीती जा सकती है, जो हमें हमारे बर्बर दुश्मनों से अलग करते हैं।”
संपादकीय में कहा गया है कि आज अमेरिका पड़ोसी देश फ्रांस के साथ खड़ा है और कुछ ऐसी सीख हैं, जो अमेरिका वासी हमें दे सकते हैं और हमें इस हालिया क्रूरतापूर्ण घटना से मिलकर सबक लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने शुक्रवार रात फ्रांस की राजधानी पेरिस में छह अलग-अलग जगहों पर हमले किए, जिसमें 129 निर्दोष लोग मारे गए और अन्य 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।