बीजिंग, 31 मई (आईएएनएस)। फुटबाल की विश्व नियामक संस्था फीफा के पांचवीं बार अध्यक्ष चुने गए सेप ब्लाटर ने अमेरिकी भ्रष्टाचार रोधी जांचकर्ताओं द्वारा फीफा के खिलाफ की गई कार्रवाई के लिए उनकी जमकर आलोचना की है।
मीडिया में रविवार को आई रपट के अनुसार, ब्लाटर ने कहा कि ज्यूरिख में फीफा के 65वें अधिवेशन से ठीक दो दिन पहले की गई यह कार्रवाई अधिवेशन को बाधित करने के उद्देश्य से की गई।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने फीफा से जुड़े 14 लोगों पर भ्रष्टाचार और रिश्वत लेने के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद स्विस पुलिस ने बीते बुधवार को फीफा के सात अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारियों के कारण विवाद में आई फीफा ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बीते शुक्रवार को हुए अधिवेशन में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवाया, जिसमें ब्लाटर पांचवीं बार अध्यक्ष बने।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ब्लाटर ने कहा कि जिस तरीके से फीफा को निशाना बनाया गया उससे वह ‘सकते’ में हैं।
ब्लाटर ने साथ ही यूरोपीय फुटबाल संघ (यूईएफए) के नेताओं पर अपने खिलाफ नफरत फैलाने के उद्देश्य से अभियान चलाने की आलोचना भी की।
ब्लाटर ने कहा, “फीफा चुनाव से ठीक दो दिन पहले अमेरिका द्वारा की गई इस कार्रवाई को कोई भी साधारण घटना नहीं कह सकता। इससे सही मंशा की बू नहीं आती।”
फीफा अधिकारियों की गिरफ्तारी और फीफा में व्यापक भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पद छोड़ने की मांग पर ब्लाटर ने कहा, “मैं क्यों इस्तीफा दूं? इसका मतलब तो यह होगा कि मैं स्वीकार कर लूं कि मैंने गड़बड़ की है। मैं पिछले तीन या चार साल से भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहा हूं।”
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी इस घटना के प्रति बीते गुरुवार को नाराजगी जाहिर की थी। पुतिन का कहना था कि फीफा के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाकर अमेरिकी अपने निजी हित साधना चाहता है।
गौरतलब है कि अमेरिका फीफा विश्व कप-2022 की मेजबानी हासिल नहीं कर सका।
ब्लाटर ने अध्यक्षीय पद के लिए अपने एकमात्र प्रतिद्वंद्वी जॉर्डन के प्रिंस अली बिन अल-हुसेन के संदर्भ में कहा कि अमेरिका, जॉर्डन का सबसे बड़ा प्रायोजक है।