मुंबई, 23 सितंबर (आईएएनएस)। ‘रूदाली’, ‘एक पल’, ‘दामन’ और ‘चिंगारी’ जैसी महिला प्रधान फिल्मों के लिए लोकप्रिय फिल्मकार और पटकथा लेखक कल्पना लाजमी का रविवार को यहां निधन हो गया। वह 64 साल की थीं।
वह दिग्गज कलाकार गुरु दत्त की भतीजी थीं।
कल्पना के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।
कल्पना की प्रवक्ता पारुल चावला ने आईएएनएस को रविवार को बताया,”आपको बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि कल्पना लाजमी का आज तड़के 4.30 बजे निधन हो गया।”
प्रवक्ता ने कहा कि लाजमी ने कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह किडनी संबंधित समस्याओं के कारण मंगलवार से आईसीयू में थीं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कल्पना के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
इसके अलावा हंसल मेहता, नंदिता दास, सोनी राजदान और रवीना टंडन जैसे कई फिल्मी दिग्गजों ने भी कल्पना के निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।
राष्ट्रपति के अधिकारिक ट्विटर खाते पर जारी एक ट्वीट में कहा गया है, “दुर्लभ संवेदनशील फिल्मकार कल्पना लाजमी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनकी फिल्मों में सशक्त महिला किरदारों से लेकर असम के जीवन के सभी पक्षों को दिखाया जाना उल्लेखनीय रहा है। उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हैं।”
सोनोवाल ने कहा है कि भारतीय सिनेमा में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
ओशिवरा शमशान में रविवार अपराह्न् लाजमी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस मौके पर महेश भट्ट, सोनी राजदान, शबाना आजमी और श्याम बेनेगल जैसी फिल्मी हस्तियां मौजूद थीं।
कल्पना की करीबी दोस्त अभिनेत्री सोनी राजदान ने कहा, “हमारी प्यारी दोस्त कल्पना लाजमी एक बेहतर स्थान पर चली गईं हैं। मेरी प्यारी कल्पना की आत्मा को शांति मिले। मैं तुम्हें बहुत याद करूंगी।”
लाजमी वर्षो से डायलिसिस पर थीं और उन्होंने पिछले साल एक साक्षात्कार में कहा था, “मेरी किडनी ने काम करना बंद कर दिया है, पर मैंने नहीं।”
कल्पना ने प्रसिद्ध फिल्मकार श्याम बेनेगल के बतौर सहायक के रूप में फिल्म जगत में कदम रखा था, और उसके बाद उन्होंने बतौर स्वतंत्र निर्देशक 1978 में एक वृत्तचित्र ‘डी.जी. मोवी पायोनीर’ का निर्देशन किया, जो बंगाली फिल्मकार धीरेन गांगुली पर आधारित था।
कल्पना की पहली फीचर फिल्म ‘एक पल’ थी। बतौर निर्देशक उनकी आखिरी फिल्म ‘चिंगारी’ थी, जो दिवंगत भूपेन हजारिका के उपन्यास ‘द प्रॉस्टीट्यूट एंड द पोस्टमैन’ पर आधारित थी।
उन्होंने हजारिका पर एक पुस्तक ‘भूपेन हजारिका : एज आई न्यू हिम’ भी लिखी, जिसे इस साल आठ सितंबर को बेनेगल और लाजमी की मा, चित्रकार ललिता लाजमी ने लॉन्च किया था।
पुस्तक लांच कार्यक्रम में कल्पना शामिल नहीं हो सकी थीं, क्योंकि वह अस्पताल में भर्ती थीं, और उनके चिकित्सकों ने उन्हें लंबी यात्रा करने से मना कर दिया था।
लाजमी की फिल्मों में सशक्त महिला किरदार गढ़े गए, जिनमें 1993 की डिंपल कपाड़िया की ‘रूदाली’ भी शामिल है। इस फिल्म को 66वें ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्ट के रूप में चुना गया था।
उनके निर्देशन में बनी फिल्म ‘दामन’ में मुख्य किरदार निभा चुकीं रवीना टंडन ने लाजमी के निधन पर शोक जताते हुए कहा,”आप बहुत याद आएंगी कल्पनाजी। आपके जाने का समय नहीं था, भगवान आपकी आत्मा को शांति दें। दामन के दौरान शूटिंग के वे दिन बहुमूल्य स्मृतियां हैं। ओम शांति।”
अभिनेता विवेक वासवानी अपने दोस्त और सहयोगी की मौत की खबर पर भी काफी दुख में हैं।
वहीं नंदिता दास ने कहा, “किसी का बच्चा खोने से अधिक दर्द और किसी चीज से नहीं होता, इसलिए कल्पनाजी के लिए मेरी गहरी शोक संवेदना।”
गीतकार और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी ने लाजमी को ‘एक जिज्ञासु बताया, जो उत्तर से अधिक प्रश्नों की तलाश में’ रहती थीं।
फिल्मकार हंसल मेहता ने लाजमी को याद करते हुए कहा, “इस पुरुष प्रधान इंडस्ट्री में एक निडर महिला के रूप में उन्हें हमेशा याद करूंगा। आपकी आत्मा को शांति मिले, कल्पना।”
अभिनेत्री हुमा कुरैशी ने कहा कि वह इस खबर से बेहद दुखी हैं।