(खुसर-फुसर)- प्रदेश भाजपा कार्यालय भोपाल में कार्यालय मंत्री की नियुक्ति हुई,इस दिन एक और नियुक्ति की घोषणा होने वाली थी लेकिन ऐन वक्त पट टाल दी गयी कारण कुछ ठोस सबूत मुखिया तक पहुंचा दिये गये और घोषणा रोक दी गयी.आपको बता दें जिस नाम की घोषणा होनी थी उनके साथ ऐसा ही होता है जब घोषणा होनी होती है तब उनके कर्मफल आड़े आ जाते हैं वैसे उन्होने गणित तगड़ा भिड़ाया था और एक राज्यसभा सांसद के द्वारा मुख्यमंत्री से पैरवी भी करवा ली थी लेकिन घोषणा होते होते रुक गयी वैसे वर्तमान में जो इस पद पर विराजे हुए हैं उन्हें भनक कुछ दिन पहले ही लग गयी थी और जिस दिन मुख्यमंत्री और अध्यक्ष भाजपा कार्यालय में आये थे महाशय अध्यक्ष की गाड़ी में से उतरे ही नहीं क्योंकि उन्हे डर था की कहीं दोबारा बैठने को ही ना मिले और ये महाशय पूरे दिन उसी गाड़ी में चिपके रहे.
अब खबरचियों को तो खबर की तलाश रहती है,जब कोई खबर बनता है तब उसे खबर बना दिया जाता है इसमें किसी को बुरा नहीं मानना चाहिये.