सूवा, 3 फरवरी (आईएएनएस)। फिजी के प्रधानमंत्री वोरेक बैनिमारामा ने मंगलवार को कहा कि देश अपना राष्ट्रीय ध्वज बदलेगा, क्योंकि इसके औपनिवेशिक चिन्ह अब प्रासंगिक नहीं रह गए हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बैनिमारामा ने 2013 के अपने नववर्ष संदेश में राष्ट्रीय ध्वज को जल्द से जल्द बदलने की योजना पर हस्ताक्षर किया था। अब उन्होंने अधिकृत रूप से घोषित योजना की पुष्टि की है।
बैनिमारामा ने कहा कि पिछले दो वर्षो के दौरान फिजी के लोग देश के इतिहास में हमारे सबसे पहले वास्तविक लोकतांत्रिक चुनाव कराने की जिम्मेदारी से जूझते रहे।
उन्होंने कहा, “लेकिन अब हमारा नया लोकतंत्र अपनी जगह पर है और हम उस कार्यक्रम पर आगे बढ़ सकते हैं जिसे मैंने 2013 की शुरुआत के साथ ही हरी झंडी दिखाई थी। वह कार्यक्रम 21वीं सदी में हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं को संभालने वाले एक चिन्ह को स्वीकार करने के लिए था।”
बैनिमारामा ने कहा, “नया ध्वज आज की दुनिया में फिजी की हैसियत को आधुनिक और वास्तविक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रदर्शित करने वाला हो।”
फिजी पर ब्रिटेन ने 1874 में अधिकार किया था और इस देश को 10 अक्टूबर, 1970 को आजादी मिली।
प्रशांत महासागर में स्थित द्वीप देश फिजी के मौजूदा राष्ट्रीय ध्वज पर ब्रिटिश के यूनियन जैक और एक औपनिवेशिक चिन्ह को संयुक्त रूप से रखा गया है। इसका इस्तेमाल देश की आजादी के समय से ही हो रहा है।
बैनिमारामा ने कहा, “यूनियन फ्लैग ब्रिटिश से संबंधित है, हमसे नहीं। हमारे ध्वज पर चिन्ह के रूप में ब्रिटिश शेर और सेंट जार्ज का क्रास है। सेंट जार्ज एक ब्रिटिश सरपस्त संत थे। इनकी हमारे साथ क्या उपयोगिता है?”
उन्होंने कहा, “वे उपनिवेश बनाने वाले ब्रिटेन के चिन्ह हैं। ब्रिटेन एक ऐसा देश है, जिसके हम मित्र हैं और मित्र बने रहना चाहेंगे। लेकिन वे चिन्ह 21वीं सदी में किसी भी फिजी नागरिक के लिए प्रासंगिक नहीं हैं।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि दो महीने तक चलने वाला राष्ट्रीय ध्वज डिजाइन प्रतियोगिता इस महीने के आखिर में शुरू होगी। फिजी के समुदाय के सभी धड़ों से चुने गए लोगों को नागरिकों की राष्ट्रीय समिति में लिया जाएगा। यही समिति प्रतिभागियों का चुनाव करेगी और सबसे उपयुक्त डिजाइन का चुनाव करेगी।
उम्मीद है कि देश में 45वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 10 अक्टूबर, 2015 को नया झंडा फहराया जाएगा।