कोलकाता, 3 मई (आईएएनएस)। चक्रवाती तूफान फानी के असर की वजह से पड़ोसी ओडिशा में भूस्खलन होने के बाद कोलकाता व पश्चिम बंगाल के गंगातटीय क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी बारिश हुई।
अत्यधिक भयावह चक्रवाती तूफान से सुबह 10 बजे के बाद भूस्खलन हुआ। यह कोलकाता से दक्षिणपश्चिम में 400 किमी से ज्यादा दूर स्थित था और पूर्वी मिदनापुर जिले से 350 किमी दक्षिणपश्चिम में था।
नागरिक उड्डयन महानिदेश्क ने सभी एयरलाइनों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाईअचड्डे से शुक्रवार अपरान्ह 3 बजे व शनिवार सुबह 8 बजे के बीच अपने उड़ान संचालन को रोकने के लिए संशोधित परामर्श जारी किया है।
मौसम पूर्वानुमानकर्ता जे.के मुखोपाध्याय ने कहा, “बाहरी घेरे के बादल पहले ही पश्चिम बंगाल और कोलकाता के तटीय क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं, जिससे बारिश हो रही है। बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ेगी। चक्रवात के बंगाल के करीब आने के साथ ही इसकी गति 80-100 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।”
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की छह टीमों को झारग्राम जिले के संकरील, पश्चिम मेदिनीपुर के नारायगढ़ ब्लॉक, पूर्व मेदिनीपुर जिले के रामनगर, दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में व उत्तर 24 परगना के धमाखली व हसनाबाद में तैनात किया गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के जमीनी क्षेत्र में प्रवेश करने की पूरी प्रक्रिया सुबह 11 बजे पूरी हो गई थी।
इसमें कहा गया, “इसने ओडिशा तट को गोपालपुर व चंदबली के बीच पुरी के करीब 170 से 180 किमी प्रति घंटे की हवा की रफ्तार के साथ पार किया।”
सभी एहतियाती उपाय जैसे उड़ान रद्द करना, ट्रेनों को रद्द करना व जल परिवहन सेवाओं को रद्द किया गया है।
राज्य सरकार व कोलकाता नगर निगम ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।
मदद के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1070 साझा की गई है।