हैदराबाद, 2 अगस्त (आईएएनएस)। देश और दुनिया में हिट हो चुके स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग के निदेशक चारू शर्मा का कहना है कि लीग में खेल रही पुरुष टीमों की संख्या में इजाफा निश्चित है लेकिन इसके लिए बेहतर योजना की जरूरत है।
हैदराबाद, 2 अगस्त (आईएएनएस)। देश और दुनिया में हिट हो चुके स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग के निदेशक चारू शर्मा का कहना है कि लीग में खेल रही पुरुष टीमों की संख्या में इजाफा निश्चित है लेकिन इसके लिए बेहतर योजना की जरूरत है।
चारू से जब आईएएनएस ने स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में खेल रही टीमों की संख्या में इजाफा की संभावना के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा कि इसकी पूरी सम्भावना है और यह हो सकता है कि टीमों की संख्या दोगुनी हो जाए।
स्टार स्पोर्ट्स प्रो कबड्डी लीग हर साल सफलता के नए आयाम तय कर रहा है और इस उपलब्धि से चारू काफी खुश हैं। इसकी सफलता का आलम यह है कि इसका एक सीजन खत्म नहीं होता कि लोगों को दूसरे सीजन का इंतजार हो जाता है।
इस लीग में पुरुष कबड्डी टीमों की संख्या में इजाफा होने की संभावना के बारे में उन्होंने कहा, “टीमों में निश्चित तौर पर बढ़ावा करना है, लेकिन इसकी प्रक्रिया को काफी सोच समझकर शुरू करना होगा क्योंकि इस प्रकार के काम में जल्दबाजी करना सही नहीं।”
चारू ने कहा, “इसमें लालच करने की जरूरत नहीं है और जो चीज इतनी अच्छी चल रही है उसे तोड़ने की भी जरूरत नहीं। यह बात तो निश्चित है कि टीमें बढ़ानी है और इसमें सही योजना की जरूरत है।”
प्रो कबड्डी लीग के निदेशक का कहना है कि एक बड़ी लीग में कम से कम 12 टीमें होनी जरूरी है। इसके लिए भारत में जहां-जहां बढ़िया स्टेडियम हैं, वहां इस लीग को ले जाया जाएगा।
इसमें हर प्रकार की सुविधाओं को देखने की भी जरूरत है और टीम के मालिकों को भी देखना जरूरी है। हालांकि, कई लोग इसमें रुचि दिखा रहे हैं। यह भी संभव है कि शायद अगले साल तक टीमों की संख्या में बढ़ावा संभव हो और इसमें दोगुना बढ़ावा भी हो सकता है।
महिलाओं की एक पूर्ण लीग के लिए महिला कबड्डी चैलेंज को ब्लू प्रिंट के बारे में देखे जाने के बारे में पूछे जाने पर चारू ने कहा, “इस चैलेंज को एक प्रकार की प्रदर्शनी के रूप में इस्तेमाल करना जरूरी है। आप इसे ‘ब्लू प्रिंट’ कह सकते हैं। मैं इसे प्रदर्शनी कहना चाहूंगा, जो भारत में इस समय पर महिला कबड्डी की गुणवत्ता को दर्शाता है।”
चारू ने कहा, “मैंने हमेशा से यह बात कही है कि महिला कबड्डी भी पुरुष कबड्डी खेल की भांति देखने में उतनी ही रोमांचक और बेहतरीन है और इसमें कोई शक नहीं है। हालांकि, महिला कबड्डी को पूर्ण रूप से एक लीग के रूप में शुरू करने के लिए हमें कई तकनीकी चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है।”
निदेशक ने कहा कि अगर टेनिस और बैडमिंटन के खेल में महिलाएं पुरुष की भांति उसी कोर्ट पर खेल सकती हैं, तो कबड्डी के खेल में महिलाएं, पुरुषों के कोर्ट पर क्यों नहीं खेल सकती?
उन्होंने कहा कि महिला कबड्डी लीग के लिए कई प्रकार की चीजों पर विचार-विमर्श करने की जरूरत है। सबसे जरूरी बात यह है कि इस खेल में काफी शारीरिक और मानसिक शक्ति का उपयोग होता है और इसलिए महिला कबड्डी खिलाड़ियों को इस प्रकार की लीग के लिए तैयार करने की काफी जरूरत है, जब सारी चीजें सही जगह पर होंगी तो इसकी शुरुआत भी जरूर होगी।
कबड्डी लीग में घोटालों को रोकने के लिए चारू ने लीग की शुरुआत के पहले से ही काफी तैयारियां की हुई थी। खिलाड़ियों पर हर तरह से नजर रखी जाती है और टीम के मालिक समय-समय पर इस बारे में अपनी टीम के खिलाड़ियों से चर्चा करते रहते हैं।
चारू से जब इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं किसी भी खिलाड़ी को इस मामले में भाषण देने से पीछे नहीं हटता। लीग की शुरुआत के ढाई साल पहले से ही मैं इस बारे में सभी को जागरुक कर रहा हूं।”
उन्होंने कहा, “खिलाड़ियों को पहले यह पसंद नहीं आता था, लेकिन अब सीजन दर सीजन वह इस बात को समझ रहे हैं और इसे ध्यान में भी रखते हैं। हम हर प्रकार से इस खेल को साफ-सुथरा रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसे ऐसा कह लीजिए कि दुर्घटना से देर भली।”