प्रयागराज. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में संगम की रेती पर इन दिनों माघ मेला चल रहा है. मेले में आये साधु संतों के कई रंग देखने को मिल रहे हैं. साधु संतों के शिविरों में हर ओर अलग ही छटा बिखरी है. कहीं लम्बी जटाओं वाले सन्यासी धूनी रमाये हुए नजर आ रहे हैं, तो भक्ति साधना में लीन संत महात्मा दिख रहे हैं. वहीं मेले में कई साधु-संत अपने खास पहनावे की वजह से चर्चा में हैं तो कई सन्यासी अपने खास शौक के लिए मेले में लोगों के बीच सुर्खियां बटोर रहे हैं. ऐसे ही वैष्णव सम्प्रदाय के एक अनोखे संत से आज हम आपको मिलाने जा रहे हैं, जो संत होने के साथ ही साथ जीवों से प्रेम भी करते हैं. उन्होंने अपने आश्रम में खरगोश पाल रखा है. जिसकी वजह से लोग उन्हें खरगोश वाले बाबा के रुप में भी जानते हैं.
सांप और बंदर भी पाल चुके हैं बाबा
ये हैं चित्रकूट के मां तारा आश्रम के महामंडलेश्वर कपिल देवदास नागा. ये जहां पर बैठते हैं, इनके आसन के चारों ओर खरगोश ही नजर आते हैं. ये खरगोश बाबा को इतने प्रिय हैं कि बाबा के साथ खरगोश खेलते रहते हैं. बाबा के मुताबिक पिछले 10 वर्षों से उनके आश्रम में खरगोश पाले जा रहे हैं. लेकिन उनका ये शौक इससे भी पुराना है, इससे पहले नागा बाबा सांप और बंदर भी पाल चुके हैं. हालांकि इन खरगोशों की देखभाल महामंडलेश्वर कपिल देवदास नागा की बेटी योगाचार्य राधिका वैष्णव ही करती हैं.
बाबा के आसन पर नजर आते हैं खरगोश
प्रयागराज संगम पर आश्रम में संत के आसन पर तमाम खरगोश खेलते दिखते हैं.