मुंबई, 4 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अप्रत्याशित रूप से मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी और उम्मीद जताई कि आने वाले कारोबारी वर्ष में महंगाई दर में और नरमी आएगी। इस कटौती के बाद शेयर बाजार के एक प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स ने 30,024.74 का रिकार्ड ऊपरी स्तर छू लिया।
गत सप्ताह संसद में प्रस्तुत आम बजट से संकेत लेते हुए और आर्थिक तेजी की संभावना महसूस करते हुए आरबीआई ने रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की, जिसके बाद यह दर 7.75 फीसदी से घटकर 7.5 फीसदी हो गई, जबकि रिवर्स रेपो दर 6.75 फीसदी से घटकर 6.5 फीसदी हो गई।
रेपो दर वह दर होती है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक रिजर्व बैंक से छोटी अवधि के लिए जरूरी रकम कर्ज के रूप में लेते हैं। रिजर्व रेपो दर वह दर है, जो जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपने पास मौजूद अतिरिक्त राशि रिजर्व बैंक में छोटी अवधि के लिए जमा रखते हैं।
इससे ठीक पहले सोमवार को आरबीआई और केंद्र सरकार के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत रिजर्व बैंक जनवरी 2016 तक उपभोक्ता महंगाई दर को छह फीसदी से नीचे और 2016-17 के अंत तक करीब चार फीसदी तक लाएगा।
दर कटौती की घोषणा शेयर बाजार खुलने से ठीक पहले की गई। इसके कारण बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स करीब 345 अंकों की तेजी के साथ खुला, जो पिछले दिन 29,593.73 पर बंद हुआ था।
जल्द ही सेंसेक्स ने 30,024.74 का रिकार्ड उच्चस्तर छू लिया।
यही स्थिति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की भी रही, जहां एनएसई के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी ने बाजार खुलते ही 9,119.20 का रिकार्ड उच्चस्तर छू लिया।
आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने एक बयान जारी कर कहा, “2015-16 की पहली छमाही में महंगाई दर में और नरमी आ सकती है और दूसरी छमाही में यह थोड़ी मजबूत हो कर छह फीसदी से नीचे रहेगी।”
राजन ने कहा, “वित्तीय घाटा कम करने के कार्यक्रम की समय सीमा हालांकि बढ़ाई गई है, लेकिन यदि राज्य सरकारों का सहयोग मिला तो यह गुणवत्तापूर्ण रहेगा।”
उन्होंने कहा, “क्षमता के कम उपयोग और उत्पादन के कमजोर संकेतक तथा ऋण में कमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के लिए अपनी नीतिगत कार्रवाइयों में यह उपयुक्त है कि मौद्रिक सामंजस्य के लिए उपलब्ध गुंजाइश का उपयोग किया जाए।”
रिजर्व बैंक ने इससे पहले 15 जनवरी, 2015 को भी मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। बैंक ने हालांकि तीन फरवरी को छठी द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा में इसमें कोई बदलाव नहीं किया था।
रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा सात अप्रैल, 2015 को करेगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर राजन ने बुधवार को जारी अपने बयान में राष्ट्रीय आय की गणना की पद्धति में बदलाव के लिए केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) की भी सराहना की, जिसे अब अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप कर दिया गया है और जिसके आधार पर देश के सकल घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया जाता है।