अनिल सिंह (भोपाल ) भाजपा सांसद प्रभात झा आहत हो गए हैं कारण उनका नाम खनन माफिया की डायरी में दर्ज पाया जाना और आयकर विभाग द्वारा वह पन्ने लीक कर देना वह भी एक अखबार को कांग्रेस के दबाव में.
प्रभात जी ने दो पत्र लिखे हैं पहला शेखर गुप्ता (ग्रुप एडिटर ) इंडियन एक्सप्रेस नयी दिल्ली को जिसमे उन्हें उलाहना देते हुए खबर गलत छापने के लिए खंडन करने का आग्रह किया है और दूसरा पत्र केन्द्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम जी को लिखा है जिसमे सांसद होने के नाते आयकर अधिकारीयों के विरुद्ध अवमानना का मुकदमा दर्ज करने और सहयोग करने का आग्रह किया है।
यह तो सही है की गलत खबर प्रकाशित करने से किसी का कैरिअर और जीवन बर्बाद हो सकता है अतः यह सब बिना किसी ठोस सबूत के नहीं करना चाहिए और जो भी हुआ गलत हुआ हम भी प्रभात भैया के साथ हैं।
अब प्रभात भैया पर सवाल उठता है
भैया जो राजनैतिक जोड़-तोड़ में माहिर हो गए हैं और अब भी कमल-सन्देश के सम्पादक हैं,इन्होने भी तो वही किया जिसके लिए ये आज परेशान हो रहे हैं आपके सामने दो उदाहरण हम प्रस्तुत करते हैं
1 . शिव शर्मा उर्फ़ कक्का जी पर प्रभात झा ने भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया की कक्का जी खदान के लिए दबाव बना रहे थे और टिकट के लिए भी,इस आरोप के बाद कक्का जी को पद से हटा दिया गया और एक सर्वमान्य,ईमानदार और संघ के सैनिक के सार्वजनिक कैरिअर पर इस झूठे आरोप से विराम लगा दिया।
2 .अभी हाल में कांग्रेस के अजय सिंह पर पत्रकार वार्ता में जो आरोप लगाया वह लोकायुक्त से पहले ही खारिज हो चुका था,चलिए आरोप सही भी था तो प्रभात झा ने क्यों जांच दोबारा शुरू नहीं करवाई क्यों अधिकारीयों पर कार्यवाही नहीं की आखिर क्या वह आरोप ही बेबुनियाद थे,क्या प्रभात झा मीडिया का इस्तेमाल सिर्फ अपनी लोकप्रियता पाने और व्यक्तिओं का राजनैतिक कैरीयर समाप्त करने हेतु इस्तेमाल करते हैं।
अब वही मीडिया के माध्यम से इन पर अंगुली उठी तो तड़प क्यों,इतना दर्द क्यों अरे यह भी तो उसी राजनीती का हिस्सा है लेकिन प्रभात जी मानते हैं की ये पाक साफ़ हैं बाकी जिन्हें ये कह दें वे बेईमान और वो भी पक्के 100 टंच माल।