नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। अखिल भारतीय हिमाचल सामाजिक संस्था संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भाखड़ा बांध विस्थापितों को संसद की याचिका समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर पुर्नवास सुविधाएं देने की मांग की है, ताकि राष्ट्रीय महत्व की भाखड़ा बांध परियोजना के निर्माण में हिमाचल प्रदेश के 376 गांवों के विस्थापितों को 55 वर्ष बाद स्थायी रूप से बसाया जा सके।
हिमाचल सामाजिक संस्था में अध्यक्ष दुर्गा दास डोगरा ने प्रधानमंत्री को भेजे ज्ञापन में कहा कि संसद की याचिका समिति ने भाखड़ा विस्थापितों के पुनर्वास के लिए राष्ट्रीय कोष की स्थापना तथा विस्थापित परिवार के बच्चों को रोजगार के मामले में शैक्षणिक तथा आयु में छूट के प्रावधान की सिफारिश की थी, लेकिन यह सिफारिशें आज भी ऊर्जा मंत्रालय में धूल चाट रही है।
डोगरा ने प्रधानमंत्री को बताया कि बांध निर्माण में विस्थापित 376 गांवों के विस्थापितों को हरियाणा राज्य के हिसारए फतेहाबाद, सिरसा आदि जिलों तथा रोपड़ एवं नालागढ़ के 31 गांवों में बताया जाना था, लेकिन अभी तक यह कार्य राजनैतिक इच्छा शक्ति की कमी से पूरा नहीं कया जा सका।
उन्होंने कहा कि जबकि पौम डैम विस्थापितों को औसतन 16.33 एकड़ भूमि प्रदान की गई, जबकि भाखड़ा विस्थापितों को औसतन 5 एकड़ से भी कम भूमि आवंटित की गई, लेकिन उस भूमि पर कब्जा आज तक प्रदान नहीं किया गया।
उन्होंने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड में भाखड़ा विस्थापितों के प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग करते हुए कहा कि विस्थापितों के प्रत्येक परिवार को दीनबंधु छोटूराम थर्मल प्लांट यमुनानगर के विस्थापित परिवारों के समकक्ष परिवार के एक व्यक्ति को हरियाणा सरकार में पक्की नौकरी दी जाए।